भोपाल । पंचायतों में प्रॉपर्टी टैक्स और अन्य टैक्स लागू करने के लिए पहले ही अधिसूचना जारी कर दी गई थी। लेकिन अधिसूचना लागू होते ही भाजपा में हड़कंप मच गया। 
नवंबर माह में विधानसभा के चुनाव होना है। चुनाव के पहले पंचायतों में प्रॉपर्टी टैक्स एवं अन्य कर लागू किए जाने से, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा संगठन को चुनाव के दौरान मतदाताओं की नाराजगी का शिकार होना पड़ता। इसको देखते हुए आनन-फानन में मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई। गजट नोटिफिकेशन में त्रुटि बताते हुए, टैक्स वसूली को गैरकानूनी बताकर टैक्स वसूली स्थगित करने का निर्णय लिया गया। 
मध्यप्रदेश में ग्राम सभा अनिवार्य कर,गांव में संपत्ति कर की वसूली शुरू की गई थी। मंत्रिमंडल के निर्णय के बाद ग्रामीण विकास विभाग ने इसे स्थगित करने के आदेश मंगलवार की रात जारी किए। स्थगन के लिए आधार बनाया गया, कि अभी अधिसूचना का अंतिम प्रकाशन नहीं हुआ है। जब तक अंतिम प्रकाशन नहीं होगा। तब तक टैक्स की वसूली गैरकानूनी होगी। 
पंचायत क्षेत्र में राजनेताओं और बड़े अधिकारियों का निवेश
 ग्राम पंचायत क्षेत्र में बड़े-बड़े माल, वेयरहाउस,रियल स्टेट के बड़े-बड़े निर्माण, मैरिज हॉल, रिसोर्ट और बड़े-बड़े बंगले इत्यादि बने हुए हैं। इनमें अधिकांश अधिकारियों और नेताओं का पैसा लगा हुआ है। उनके स्वामित्व में होने से इन पर करोड़ों रुपए की वसूली के साथ-साथ, नेताओं और अधिकारियों के परिवारों के नाम भी उजागर होते। इसको देखते हुए आनन-फानन में ग्राम पंचायत क्षेत्र में संपत्ति कर की वसूली को स्थगित किया गया। इसके साथ ही विधानसभा चुनाव भी मुख्य कारण था। सरकार के इस निर्णय से 6 महीने के लिए लोगों को राहत मिल गई है।