देवी साधना आराधना को समर्पित नवरात्रि का त्योहार देशभर में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है जो कि पूरे नौ दिनों तक चलता है नवरात्रि के नौ दिनों में माता के अलग अलग रूप की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है और उपवास रखा जाता हैं मान्यता है कि नवरात्रि के दिनों में देवी मां दुर्गा की साधना उत्तम फल प्रदान करती हैं साल में कुल चार नवरात्रि आती है लेकिन इन सभी में शारदीय नवरात्रि को बेहद खास माना जाता है जो कि आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से आरंभ होती हैं।इस साल शारदीय नवरात्रि का आरंभ 15 अक्टूबर दिन रविार से हो रहा है और समापन 24 अक्टूबर को हो जाएगा। शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन भक्त कलश स्थापना करते है तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा कलश स्थापना की संपूर्ण विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

 

शारदीय नवरात्रि में ऐसे करे कलश स्थापना-
शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर घर के पूजन स्थल की अच्छी तरह से सफाई करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद लाल वस्त्र बिछाकर उस पर थोड़े चालव रखें। अब मिट्टी के एक पात्र में जौ बो दें। साथ ही इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश भी स्थापित करें।कलश में चारों ओर आम के पत्ते लगाएं और स्वास्तिक का शुभ चिह्न बनाएं। इसके बाद साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालें। अब एक नारियल पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें और इसे कलश के उपर रखते हुए माता का आहवाहन करें। फिर दीपक जलाकर कलश की पूजा करें।