भोपाल । राजधानी के जयप्रकाश अस्पताल में स्टेट आफ आर्ट कार्डियोलाजी सेंटर बनाया जाएगा। यह  सेंटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लेश होगा। इसके अलावा सभी जिला अस्पतालों में कार्डियक यूनिट बनाई जाएगी। यहां ईसीजी, ईको और टीएमटी की सुविधा मिलेगी। इसका संचालन पीपीपी से कराने की तैयारी है। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मो़ सुलेमान की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई अधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है।जेपी प्रदेश का पहला जिला अस्पताल है जहां कार्डियोलाजी सेंटर बनाया जा रहा है। यहां ओपीडी के अलावा एंजियोग्राफी, एंजियोप्लास्टी, कार्डियक सर्जरी और वाल्व बदलने की सुविधा रहेगी। इसी वर्ष यह केंद्र शुरू करने की योजना है। जेपी अस्पताल परिसर में बनाए जा रहे 200 बिस्तर के नए अस्पताल में कार्डियोलाजी यूनिट बनाई जाएगी।प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में यह सुविधा एम्स, हमीदिया अस्पताल, भोपाल के अलावा कुछ मेडिकल कालेजों में ही है। भोपाल में यह केंद्र बनने से प्रदेश भर के हृदय रोगियों के उपचार की सुविधा हो जाएगी। अभी यह निर्णय लिया जाना है कि सेंटर का संचालन पीपीपी से कराया जाता है तो मशीनें सरकार उपलब्ध कराएगी या निजी कंपनी। इस केंद्र के लिए कार्डियोलाजिस्ट, कार्डियक सर्जन समेत विभिन्न पदों पर भर्ती की जाएगी।हृदय संबंधी बीमारियों की जल्दी पहचान और उपचार के लिए सभी जिला अस्पतालों में ईसीजी, ईको, ट्रेडमिल टेस्ट (टीएमटी) की सुविधा निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। अभी ईसीजी छोड़कर किसी जिला अस्पताल में बाकी सुविधाएं नहीं हैं। निजी अस्पतालों में ईको और टीएमटी के लगभग तीन-तीन हजार रुपये लगते हैं। इसी तरह से एंजियोग्राफी 12 हजार से 15 हजार रुपये और एंजियोप्लास्टी एवं दिल की बायपास सर्जरी डेढ़-डेढ़ लाख में होती है। इस बारे में स्वास्थ्य आयुक्त डा. सुदाम खाड़े का कहना है कि जीवन शैली बदलने से गैर संचारी रोग (एनसीडी) बढ़ रहे हैं। हृदय की बीमारियां भी तेजी से बढ़ी हैं, इसलिए सभी जिला अस्पतालों में जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की योजना है। इसके अलावा जेपी अस्पताल में अत्याधुनिक कार्डियोलाजी सेंटर बनाया जाएगा।