इंदौर ।  करीब चार साल के इंतजार के बाद आखिरकार इंदौरवासियों को बंगाली ओवरब्रिज की सौगात मिल ही गई। शुक्रवार शाम मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओवरब्रिज का आधिकारिक लोकार्पण किया। करीब 31 करोड़ रुपये की लागत से बने इस ब्रिज की योजना वर्ष 2019 में शुरू हुई थी। इस ओवरब्रिज से बंगाली चौराहे से रोज गुजरने वाले दो लाख से ज्यादा वाहन चालकों को राहत मिलेगी।

नवनिर्मित फ्लाईओवर का लोकार्पण 

बंगाली चौराहे पर ट्रैफिक के भारी दबाव को देखते हुए अक्टूबर 2019 में यहां ओवरब्रिज बनाने की योजना शुरू हुई थी। इसके बाद अलग-अलग कारणों से निर्माण में देरी होती रही। कभी कोरोनाकाल के कारण काम अटक गया तो कभी ओवरब्रिज की डिजाइन को लेकर भी खींचतान मची। चौराहे पर बनी पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा की शिफ्टिंग के कारण देरी हुई। कई बार समयसीमा बीतने के बावजूद ओवरब्रिज का काम पूरा नहीं हो सका। हालांकि लंबे समय से ओवरब्रिज बनकर तैयार था और इसके लोकार्पण का इंतजार था।

बारिश शुरू हुई तो लोगों ने सिर पर रखी कुर्सियां

मंच पर मुख्यमंत्री का भाषण शुरू होते ही वर्षा आरंभ हो गई तो लोगों ने सिर पर कुर्सियां रख खुद का पानी से बचाव किया। मुख्यमंत्री बोले विधानसभा क्षेत्र में लोगों को मूसाखेड़ी ब्रिज सहित अन्य सौगातें भी मिलेंगी। जनता बोली आइ लव यू मामा तो मुख्यमंत्री बोले आइ लव यू टू।

अस्थाई बिजली कनेक्शन से रोशन हुआ ओवरब्रिज

लोक निर्माण विभाग के ईएंडएम शाखा प्रभारी वीके जैन ने बताया कि फिलहाल ओवरब्रिज को रोशन करने के लिए अस्थाई बिजली कनेक्शन लिया गया है। बाद में ओवरब्रिज को आधिकारिक रूप से नगर निगम को सौंप देंगे तो वे कनेक्शन अपने नाम से कराएंगे। उल्लेखनीय है कि बिजली का कनेक्शन किसके नाम से हो, इसे लेकर भी काफी खींचतान थी।

कांग्रेस का विरोध काम आया

बंगाली ओवरब्रिज के निर्माण के बावजूद इसे आम जनता के लिए नहीं खोला गया था और कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि यदि आम जनता के लिए ब्रिज नहीं खोला गया तो हम खोल देंगे।

कुछ काम अब भी बाकी

ओवरब्रिज का कुछ काम अब भी बाकी है। ओवरब्रिज के समीप पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. माधवराव सिंधिया की प्रतिमा लगाई गई है। योजना अनुसार प्रतिमा पर कोई गंदगी न फेंके इसके लिए शेड लगना है। अब यह काम नगर निगम बाद में करेगा। कुछ अन्य छोटे-मोटे काम शेष हैं।

एक नजर इधर भी

-2019 के अक्टूबर माह में शुरू हुआ था ओवरब्रिज का प्रोजेक्ट।


-2020 दिसंबर तक बंगाली ओवरब्रिज का काम पूरा होना था, लेकिन लाकडाउन व अन्य कारणों से काम में देरी हुई

-2021 में सितंबर माह में फिर से ओवरब्रिज का काम प्रारंभ हुआ।

-2022 मई में दूसरी समयसीमा तय की गई थी ओवरब्रिज निर्माण पूरा होने की।

-2022 जून के पहले सप्ताह से ओवरब्रिज से ट्रैफिक शुरू करने की थी तैयारी।

- 31 करोड़ रुपये के करीब लागत है ओवरब्रिज की

ये होंगे फायदे

- बंगाली चौराहे पर लगने वाले जाम से लोगों को निजात मिलेगी

- चौराहे पर वाहनों के खड़े होने से अनावश्यक ईंधन खपत कम होगी

- ब्रिज के नीचे हाकर्स जोन बनाने की योजना है, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा