इंदौर. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2021 से पहले विवाद खड़ा हो गया. परीक्षा के लिए अभी विज्ञापन भर निकला है. लेकिन इसमें आवेदक की उम्र के लिए जो नियम दिया है उस पर आवेदकों को आपत्ति है. PSC के इस नियम के कारण करीब 15 हजार केंडिटेड ओवरएज होने के कारण अपात्र हो जाएंगे और वो एप्लाय ही नहीं कर पाएंगे.मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2021 के लिए 10 जनवरी से आवेदन शुरू हो जाएंगे. MPPSC ने जो विज्ञापन जारी किया है, उसमें आवेदक की उम्र 1 जनवरी 2022 तक गिनी जाएगी. आपत्ति इसी पर है. यदि सरकार ने आयु की गणना की मियाद नहीं बदली तो 15 हजार से ज्यादा छात्र परीक्षा में शामिल ही नहीं हो पाएंगे. उम्मीदवार अब तक मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन भेजे चुके हैं जिस पर अभी तक कोई हलचल नहीं हुई है.

40 के बजाय 41की जाए उम्र
हजारों आवेदकों ने सरकार से मांग की है कि उम्र की गणना नियमानुसार 1 जनवरी 2021 तक की जानी चाहिए या फिर जनरल कैटेगरी के उम्मीदवारों की उम्र में एक साल की छूट देकर 40 के बजाय 41 कर दी जाए. कोरोना की वजह से MP-PSC का एकेडमी कैलेंडर बिगड़ गया है जिसकी वजह से परीक्षाएं एक साल लेट हो रहीं हैं. ऐसे में उम्मीदवार अपनी जगह सही हैं. उनका कहना है कि विज्ञापन देरी से जारी होने के लिए एमपीपीएससी जिम्मेदार है. उसकी गलती का खामियाजा वो क्यों भुगतें.


अपात्र हो जाएंगे 15 हजार दावेदार
अगर 1 जनवरी 2022 तक उम्र आंकी जाए तो उस हिसाब से 15 हजार से ज्यादा छात्र ओवरएज हो रहे हैं. इसलिए वो परीक्षा में शामिल ही नहीं हो पाएंगे. छात्रों का तर्क है कि नियमानुसार ये विज्ञापन पिछले साल दिसंबर में जारी होना था और आयु गणना 1 जनवरी 2021 से होनी थी. लेकिन देरी का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है. छात्रों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया है. उनका कहना है 10 जनवरी से राज्य सेवा परीक्षा 2021 के आवेदन शुरू होंगे. शासन को उससे पहले इस पर निर्णय लेना चाहिए.10 जनवरी से पहले निर्णय नहीं हुआ तो दिक्कत हो जाएगी.

आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी भर्ती नियम में भी गड़बड़ी
MP-PSC ने आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 692 पदों लिए भी विज्ञापन जारी किया था. इस पर भी विवाद शुरू हो गया है. संघ लोक सेवा आयोग ने आर्युवेद चिकित्सा अधिकारी के पदों के लिए 28 दिसंबर 2021 को विज्ञापन जारी किया था. इसमें बीएएमएस पाठ्यक्रम की इंटर्नशिप कर रहे और फाइनल ईयर के छात्र छात्राओं को इन पदों के योग्य माना गया था. आवेदन की ये शर्त थी कि इंटरव्यू के दौरान सर्टिफिकेट प्रस्तुत करने की तारीख तक इंटर्नशिप प्रमाण पत्र होना जरूरी होगा. लेकिन 4 जनवरी 2022 को नया विज्ञापन जारी कर इन छात्रों को अपात्र घोषित कर दिया गया. छात्रों का कहना है कोरोना के कारण उनकी बीएएमएस की फाइनल ईयर की परीक्षा 1 साल देर से हुई. उनकी परीक्षा का टाइमटेबल 7 से 8 बार बदला गया. इसलिए परीक्षा एक साल लेट हुई. नहीं तो वे भी इन पदों के लिए पात्र हो गए होते. एमपीपीएससी ने आर्युवेद चिकित्सा अधिकारी के लिए 8 साल बाद वेकेंसी निकाली है. भविष्य में भी इन पदों के लिए हर साल वेकेंसी निकलने की संभावना नहीं है. ऐसे में फाइनल ईयर और इंटर्नशिप कर रहे हजारों छात्र अधिकारी बनने के मौके से वंचित रह जाएंगे. उन्होंने मांग की है कि इंटर्नशिप कर रहे और अंतिम वर्ष के छात्र छात्राओं को आवेदन करने लिए पात्र माना जाए. इसके लिए पूर्व में जारी विज्ञापन के अनुसार ही नया संशोधित विज्ञापन जारी किया जाए.

MP-PSC ने मीडिया से नहीं की बात
MP-PSC के अधिकारी इन मामलों में मीडिया से बात करने से बच रही हैं. ज्ञापन देने पहुंचे छात्रों से ये कह दिया गया कि वो आयुक्त आयुष विभाग से बात करें.