भोपाल । मध्यप्रदेश में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का काम अब 31 मार्च तक पूरा नहीं हो पाएगा। कहीं बाधक बनी हाईटेंशन लाइन के कारण सड़क निर्माण नहीं हो पा रहा है, तो कहीं मधुमक्खी के छत्तों ने एक्सप्रेस-वे के निर्माण की गति को रोक दिया है। नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) अफसरों का कहना है कि अब मार्च के बजाय अप्रैल में एक्सप्रेस-वे का एमपी वाला हिस्सा बनकर तैयार होगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे मप्र के मंदसौर, रतलाम और झाबुआ जिलों से होकर बनाया जा रहा है।
1350 किलोमीटर लंबाई वाले इस एक्सप्रेस-वे में मध्यप्रदेश का हिस्सा 244.50 किलोमीटर होगा। एक लाख करोड़ रुपए की लागत से बनाए जा रहे इस हाई-वे के एमपी वाले हिस्से के निर्माण पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय 11120 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है। अफसरों ने बताया कि गरोठ के आसपास हाईटेंशन लाइन के दर्जनभर टावर खड़े हैं, जिन्हें हटाने का काम नहीं हो पाया है। हाईटेंशन लाइन के कारण वहां लगभग 300 मीटर लंबाई में आठ लेन सड़क नहीं बन पाई है। इसी तरह मंदसौर जिले के सीतामऊ में चंबल नदी पर बनाए जा रहे 400 मीटर लंबे आठ लेन पुल पर गर्डर डालने का काम भी अधूरा है। आधे हिस्से में तो गर्डर डल गई है, लेकिन आधे हिस्से में मधुमक्खी के छत्तों के कारण गर्डर नहीं डल पाई। वहां पुल के नीचे मधुमक्खियां काम नहीं करने दे रही हैं और काम करने जाओ तो हमला कर देती हैं। हमले से काम के दौरान इक्का-दुक्का मजदूर भी घायल हो चुके हैं।

हाईटेंशन लाइन हटाने के लिए 26 से मिलेगा शटडाउन
एनएचएआई रतलाम के प्रोजेक्ट डायरेक्टर रवींद्र गुप्ता ने बताया कि चंबल नदी पर निर्माणाधीन पुल के नीचे मधुमक्खी के छत्तों के कारण काम में देरी हुई। छत्ते हटाए जाते हैं, तो मधुमक्खी वहां दोबारा छत्ते बना देती हैं। अब फिर छत्ते हटाए हैं और काम किया जा रहा है। गरोठ के पास हाईटेंशन लाइन शिफ्ट करने के लिए बिजली ट्रांसमिशन कंपनी से शटडाउन मांगा है। वहां से 26 मार्च से तीन दिन का शटडाउन दिया गया है। इन वजहों से एमपी में 31 मार्च के बजाय अप्रैल अंत तक एक्सप्रेस-वे का काम पूरा हो सकेगा।  

प्रधानमंत्री करेंगे उद््घाटन
पिछले दिनों दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के राजस्थान में निर्मित हिस्से का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसी तरह मध्यप्रदेश वाले हिस्से का उद्घाटन भी पीएम के हाथों कराने की तैयारी है। विधानसभा चुनाव से पहले इस हाई-वे को प्रदेश के लिए बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है। मध्यप्रदेश में इस हाई-वे का काम पूरा होने के बाद केंद्रीय राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी आगामी महीनों में पूरे हिस्से का दौरा करने वाले हैं।