भोपाल ।  कोरोना काल में लगे लाकडाउन में ढाबा मालिक पर चढ़ा कर्जा उतारने के लिए उसके कर्मचारियों ने ताबड़तोड़ वाहनों की चोरी की। अशोका गार्डन थाना पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपितों को गिरफ्तार कर चोरी के 37 वाहन जब्त किए है। इनमें भोपाल के अलावा इंदौर से चोरी किए गए दोपहिया वाहन भी शामिल बताए गए हैं। अशोका गार्डन थाना प्रभारी आलोक श्रीवास्तव के मुताबिक संदेह के आधार पर बाइक सवार दो युवको को रोका गया। युवकों ने अपने नाम अमित राठौर उर्फ अंतिम निवासी हरदा और धर्मेंद्र सिंह निवासी खुशीपुरा चांदबड़ बजरिया बताया। जांच के दौरान उनके पास मिली बाइक चोरी की निकली। पूछताछ करने पर उन्‍होंने थाना इलाके से 10 दोपहिया वाहन चोरी करना स्वीकार किया। रिमांड पर लेकर हुई पूछताछ में सामने आया कि आरोपी दर्जनों वाहन की चोरी कर चुके थे। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 17 और दोपहिया वाहन बरामद किए। आरोपितों ने बताया कि करीब बीस दोपहिया वाहन उन्होंने दीपक रघुवंशी, किशन सेन और दिनेश चौरिया को बेचने के लिए दिए हैं। पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया। पांचों आरोपितों से चोरी के कुल 37 दोपहिया वाहन बरामद हुए, जिनकी कीमत करीब 30 लाख रुपये बताई जाती है।

लाकडाउन में चढ़ गया था कर्जा

पुलिस पूछताछ में सामने आया धर्मेंद्र सिंह इंदौर में ढाबा चलाता था। ढाबे पर किशन शराब की सप्लाई करता था, जबकि अमित वेटर था। लाकडाउन के दौरान ढाबा बंद हो गया। इस दौरान धर्मेंद्र ही किशन व अमित का आठ महीने तक खर्चा उठाता रहा। जब लॉकडाउन हटा, तो धर्मेंद्र काफी कर्जदार हो गया था। धर्मेंद्र का कर्ज उतारने के लिए किशन व अमित ने वाहनों की चोरी की योजना बनाई। आरोपितों ने पहले इंदौर में दोपहिया वाहन चोरी किए। बाद में धर्मेंद्र व अमित भोपाल के खुशीपुरा में रहने लगे, जबकि किशन विदिशा चला गया। विदिशा में किशन अपने दोस्त दीपक दीपक रघुवंशी के खेत में चोरी के वाहन छिपाने लगा। वाहन बेचने के लिए एक अन्य दोस्त दिनेश चौरिया ग्राम अमरपुरा थाना सिद्दीकगंज जिला सीहोर को भी शामिल कर लिया। आरोपी वाहन चुराने के बाद उसे बेचकर शराब व मुर्गे पार्टी का खर्चा निकालकर पूरी राशि धर्मेंद्र को आनलाइन भेज देते थे। जिससे वह अपने ऊपर चढ़ा कर्जा उतार रहा था।