जबलपुर ।  नरसिंह मंदिर शास्त्री ब्रिज में साकेतवासी डा. श्याम देवाचार्य के श्रीविग्रह का लोकार्पण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डा. मोहन भागवत ने मंगलवार की सुबह किया। सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच डा. भागवत सीधे मंदिर परिसर पहुंचे। यहां प्रवेश द्वार के बाएं हाथ पर स्वामी रामचंद्र महाराज की प्रतिमा के बाजू में श्रीविग्रह का लोकार्पण डा. भागवत ने किया। संतों के पास मार्गदर्शन के लिए सभी जाते हैं। महाराज जी की प्रस्तावना से सारे चरित्र की व्याख्या की।

भारत वर्ष विश्व कल्याण और मानव उत्थान का साधन है। भारत वर्ष सनातन काल से है। सृष्टि के आरम्भ से ही भारत वर्ष का प्रयोजन है। अपना अपना प्रयोजन प्राप्त करने के बाद सभी की इति हो जाती है भारत का प्रयोजन राष्ट्र के साथ विश्व कल्याण है इसलिए इसकी इति असंभव है। हम सभी को मिलकर रहना चाहिए जिससे ताकत बढ़ती है। काबिले में रहने से शत्रु डरता है। राजा भगवान के अधीन है। पंथ के आदेश पर सभी चलते हैं। भगवान का साक्षात्कार महापुरुष को होता है।

भारत एकमात्र देश है जिसने भगवान के हर स्वरूप को माना कभी भी किसी भगवान के स्वरूप को लेकर लड़ाई नहीं की। पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मत होना चाहिए। भाषा, धर्म, पंथ संप्रदाय के नाम पर देश बनें लेकिन भारत वैभव के शिखर पर जाकर अंदर जाकर देखने लगे और सत्य और शांति की खोज की। एकमात्र भारत है जो सारी दुनिया को एक मानता है। सनातन संस्कृति सबको जोड़ती है । सनातन धर्म के आधार पर सारा विश्व चल रहा है।हर चार वर्ष बाद एक परंपरा आती है जिसमें अलग अलग बातें होती हैं सिर्फ भारत बताता है कि सभी एक है। भारत जीवन्त है इस कारण से विश्व के कौने कौने की परापंराये भारत में अपने आप को सुरक्षित मानती है ।सत्य पर आधारित आचरण के कारण ही भारत आज भी जीवंत है। हमारे हिन्दू, सनातन धर्म को सर्व कल्याण की भावना मिली है।

नरसिंह पीठाधीश्वर डॉक्टर स्वामी नरसिंह दास जी महाराज ने कहा एक दिव्य चेतना विध्य में प्रगट हुई और नर्मदा मैया की गोद में आकर जगतगुरु डा स्वामी श्रीश्याम देवाचार्य जी महाराज के रूप में साकेत वासी महामंडलेश्वर श्री रामचन्द्र दास जी के आशीर्वाद से संपूर्ण जगत में सनातन धर्म की ध्वजा फहराई। भारतीय संस्कृति के जागरण , गौ सेवा, संत महात्माओं की सेवा, संत समागम के लिए जीवन पर्यंत कार्य किया । राष्ट्र उत्थान के लिए जन्म से अंतिम स्वांस तक समाज संस्कृति, हिन्दू को संगठित करने का कार्य किया। श्रीश्याम देवाचार्य जी महाराज के व्दितीय पुण्य स्मरण समारोह में देश भर से संत महात्माओं के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी के करकमलों से स्वामी जी के लोक विग्रह का अनावरण हुआ।

संस्कारधानी जबलपुर व गीता धाम नरसिंह मंदिर से जुड़े देश विदेश से भक्त आए। परम पूज्य सरसंघचालक मोहन भागवत, निर्मलपीठाश्धीश्वर आचार्य ज्ञानदेव सिंह जी महाराज, जगतगुरु रामानुजाचार्य विश्वेशप्रपानाचार्य जी महाराज, ऋषिकेश हरिद्वार से स्वामी चिदानंद मुनि, जगतगुरु रामानंदाचार्य रामराजेश्वराचार्य, बड़े भक्त माल पीठाधीश्वर अयोध्या जी से कौशल किशोर दास जी महाराज, परम पूज्य महामंडलेश्वर स्वामी शांति स्वरूपानंद जी महाराज, अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष स्वामी जितेंद्रानंद, जी महाराज, स्वामी कमल नयन दास, केवल पीठाधीश्वर स्वामी केवल पुरी जी महाराज, स्वामी कमल नयन दास, जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी घनश्यामाचार्य महाराज, स्वामी गिरिशानंद जी महाराज, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद गिरी जी, महामंडलेश्वर श्री केशव दास महाराज, महामंडलेश्वर ब्रजभूषण दास, महामंडलेश्वर श्री हनुमानदास , स्वामी वासुदेवानंद जी, स्वामी राधे चैतन्य जी, स्वामी रंजीता नंद जी, स्वामी राधवानंद जी, डॉ स्वामी मुकुंददास जी महाराज, रामकृष्ण महाराज सहित देश की वैदिक धर्म तीर्थ पीठों के साधु महात्माओं के साथ जगतगुरु डा स्वामी श्रीश्याम देवाचार्य जी की पादुका का पूजन , संत महात्माओं का स्वागत अभिनंदन आरती विहिप धर्म प्रसार अंतरराष्ट्रीय प्रमुख अशोक तिवारी, सांसद राकेश सिंह, सांसद सुमित्रा वाल्मिकी, विनोद गोटिया, डा कैलाश गुप्ता, अभिलाष पांडे, सहित भक्तों, संस्थाओं ने आशीर्वाद प्राप्त किया। श्री सनातन धर्म महासभा के अध्यक्ष श्याम साहनी, चंद्र कुमार भनोत, अशोक मनोध्या, गुलशन माखीजा, राजेन्द्र प्यासी, विष्णु पटेल , डा पवन स्थापक, प्रवेश खेड़ा, डॉ संदीप मिश्रा, जगदीश साहू, मनोज नारंग, अंबर पुंज, नगर की धार्मिक संस्थाओं से पदाधिकारियों के साथ भक्त उपस्थित रहे।