बैंक, फॉरन एक्सचेंज डीलर्स या बाकी रिपोर्टिंग संस्थाओं के पास 2022-23 में एसएफटी रिटर्न (SFT returns) दाखिल करने के लिए कुछ और मौके दिये जा रहे हैं। बैंक, फॉरेन एक्सचेंज डीलरों या अन्य रिपोर्टिंग संस्थाओं को इनकम टैक्स विभाग को ग्राहकों द्वारा किए गए उच्च मूल्य के लेनदेन की रिपोर्ट देनी होती है।वित्त वर्ष 2022-23 के लिए एसएफटी की फाइलिंग की अंतिम तिथि 31 मई थी, लेकिन आयकर विभाग ने इसको कुछ दिनों के लिए बढ़ा दिया है।

इनकम टैक्स विभाग ने इसकी जानकारी ट्वीट के जरिये दी। विभाग ने बताया कि रिपोर्टिंग पोर्टल पर भारी ट्रैफिक के कारण, कुछ फाइलरों को एसएफटी रिटर्न दाखिल करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।इस वजह से आयकर विभाग ने बुधवार देर रात घोषणा की कि एसएफटी रिटर्न दाखिल करने के लिए पोर्टल कुछ और दिनों के लिए खुले रहेंगे, जिससे एसएफटी रिटर्न आसानी से दाखिल किया जा सके। एसएफटी के तहत, निर्दिष्ट संस्थानों को वर्ष के दौरान उनके द्वारा पंजीकृत/रिकॉर्ड/रखरखाव किए गए कुछ वित्तीय लेनदेन या किसी रिपोर्ट का विवरण प्रस्तुत करना जरूरी होता है।

एसएफटी रिटर्न दाखिल करने में देरी पर हर दिन के लिए 1,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। गैर-दाखिल करने या गलत विवरण देने पर भी जुर्माना लगाया जा सकता है। एसएफटी के जरिये आयकर विभाग एक व्यक्ति द्वारा किए गए उच्च मूल्य के लेनदेन का ट्रैक करता है।रिपोर्टिंग संस्थाओं को टैक्स ऑथोरिटी के साथ एसएफटी रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता होती है। इसमें विदेशी मुद्रा डीलर, बैंक, सब-रजिस्ट्रार, एनबीएफसी, डाकघर, बांड/डिबेंचर जारी करने वाले, म्यूचुअल फंड ट्रस्टी, डिविडेंट देने वाली कंपनी या शेयर वापस खरीदने वाली कंपनियां शामिल हैं।