अमेरिकी राज्य हवाई में दुनिया का सबसे बड़ा सक्रिय ज्वालामुखी 'मौना लोआ' लगभग 40 वर्षों में पहली बार फटा है। लावा प्रवाह ज्यादातर शिखर के भीतर समाहित है, लेकिन निवासियों को अलर्ट पर रखा गया है और पहले राख गिरने के जोखिम के बारे में चेतावनी दी गई थी। यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) ने कहा कि सक्रिय ज्वालामुखी रविवार रात फूटना शुरू हुआ और सोमवार सुबह इसका लावा अपने शिखर से बह रहा था। लावा पहाड़ियों से नीचे की ओर से बह रहा है। इसे आबादी तक पहुंचने में एक हफ्ते का समय लग सकता है। 

हवाईन वोल्कानो ऑब्जर्वेटरी (एचवीओ) ने कहा, "शिखर क्षेत्र से लावा का प्रवाह दिखाई दे रहा है। तेज हवाएं ज्वालामुखीय गैस और संभवत: महीन राख को नीचे की ओर ले जा सकती हैं।" दरअसल, मौना लोआ भारी मात्रा में सल्फर डाई ऑक्साइड और दूसरी ज्वालामुख्यी गैसें उगल रहा है। ये गैसें भाप, ऑक्सीजन और धूल से मिलकर स्मॉग बनाती हैं। हालांकि, अधिकारियों ने कहा है कि इस लावा से आबादी वाले इलाकों को खतरा होने की उम्मीद नहीं है। 

यूएसजीएस के मुताबिक, मौना लोआ 1843 के बाद से 33 बार फूट चुका है। यह आखिरी बार 1984 में फूटा था, तब इसका लावा पहाड़ियों पर 4.5 मील तक आया आया था। एवीओ ने कहा कि वह आपातकालीन प्रबंधन के साझेदारों के साथ परामर्श कर रहा है और वह गतिविधि पर और अपडेट देने के लिए ज्वालामुखी की बारीकी से निगरानी करेगा।