बिलासपुर: बिलासपुर जोन कार्यालय 7 में पटवारी कार्यालय के लिए आरक्षित सरकारी जमीन पर नियमों को ताक पर रखकर दुकानें बना दी गईं और इन दुकानों को चहेते लोगों में बांट दिया गया। स्थानीय लोगों ने इस पर ग्राम पंचायत और निगम प्रशासन पर आरोप लगाया है। अधिकारियों का कहना है कि शिकायत मिलने पर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी। यह घटना सरकंडा क्षेत्र के मोपका इलाके की है।

सरकारी जमीन पर दुकानें बनाकर अपनों को चाहा

जानकारी के मुताबिक बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र के मोपका इलाके में सड़क किनारे सरकारी जमीन पटवारी कार्यालय के लिए आरक्षित थी। लेकिन पंचायत ने इस जमीन पर दुकान बनाने का प्रस्ताव पारित कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इसी बीच कोर्ट ने इस निर्माण पर स्थगन आदेश जारी कर दिया, जिसके बाद निर्माण कार्य रोक दिया गया।

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद कुछ समय बाद इस इलाके को परिसीमन के तहत निगम क्षेत्र में शामिल कर लिया गया। इसके बाद निगम ने उस जमीन को अपने अधीन लेकर कोर्ट का स्थगन हटवा दिया और फिर से निर्माण कार्य शुरू कर दिया, जिसके बाद दुकानें बनाने का काम किया गया। इसके साथ ही निगम ने बिना किसी सूचना के अपने चहेतों को सस्ते दामों पर दुकानें भी आवंटित कर दी।

जांच के बाद होगी कार्रवाई

इस मामले पर जोन कमिश्नर ने कहा कि पंचायत ने दुकान का निर्माण कराया था, निगम में शामिल होने के बाद निगम ने उन जर्जर दुकानों की मरम्मत करवाई है। पटवारी कार्यालय के लिए जमीन आरक्षित होने की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।