RBI का निर्णय: बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए ₹1.9 लाख करोड़ का इंतजाम
बैंकिंग सिस्टम में कैश डालने की कोशिशों के तहत भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को एक बड़ी घोषणा की। आरबीआई ने कहा कि वो बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए मार्च में करीब 1.9 लाख करोड़ रुपये की सरकारी सिक्यॉरिटी और यूएसडी/आईएनआर स्वैप की ओपन मार्केट में खरीद करेगा। 28 फरवरी को 10 बिलियन अमेरिकी USD-INR स्वैप की सफलता के बाद, जिसमें मजबूत मांग देखी गई थी, केंद्रीय बैंक वित्तीय प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करने के लिए आगे कदम उठा रहा है।
भारत सरकार की सिक्यॉरिटीज खरीदेगा आरबीआई
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा कि वो दो अलग-अलग चरणों में 1 लाख करोड़ रुपये मूल्य की भारत सरकार की सिक्यॉरिटीज की खुले बाजार परिचालन (OMO) खरीद करेगा। पहले चरण के तहत 50,000 करोड़ रुपये की पहली नीलामी 12 मार्च को निर्धारित की गई है। उसके बाद दूसरे चरण के तहत 18 मार्च को 50,000 करोड़ रुपये की एक और नीलामी की जाएगी। इसके अलावा, भारतीय रिजर्व बैंक 24 मार्च को 36 महीने की अवधि के लिए 10 बिलियन डॉलर मूल्य की USD/INR खरीद/बिक्री स्वैप ऑक्शन आयोजित करेगा।
विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करना उद्देश्य
भारतीय रिजर्व बैंक के इस कदम का उद्देश्य दीर्घकालिक नकदी डालना और विदेशी मुद्रा भंडार को स्थिर करना है। बताते चलें कि पिछले कुछ हफ्तों से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में थोड़ी स्थिरता आई है। 21 फरवरी को खत्म हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.76 अरब डॉलर बढ़कर 640.48 अरब डॉलर हो गया था। सितंबर 2024 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 704.88 अरब डॉलर के लाइफटाइम हाई पर था। जिसके बाद से इसमें लगातार कई हफ्तों तक गिरावट दर्ज की गई थी।
व्यवस्थित वित्तीय माहौल सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाएंगे सभी जरूरी कदम
केंद्रीय बैंक ने देश में लिक्विडिटी और बाजार की स्थितियों की निगरानी के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि वो व्यवस्थित वित्तीय माहौल सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। ये कदम उभरते आर्थिक हालातों के बीच वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।