वर्ष 2016 के बाद बनी अवैध कालोनियों में भूखंड खरीदने पर रोक
भोपाल । नगर निगम द्वारा शहर में विकसित और नई पनप रही अवैध कालोनियों के खिलाफ कार्रवाई शुरु कर दी है। साथ ही नागरिकों को भी चेतावनी दी है कि 31 दिसंबर 2016 के बाद निर्मित अवैध कालोनियों में भूखंडो की खरीदी व विक्रय न करें। अनाधिकृत कालोनियों में भूखण्ड खरीदने से पहले नागरिक नगर निगम की भवन अनुज्ञा शाखा तथा संबंधित जोन कार्यालय से कालोनी अनाधिकृत है या नहीं तथा समस्त प्रकार की अनुमतियां प्राप्त की गई है अथवा नहीं के संबंध में जानकारी प्राप्त करें।मुख्य नगर निवेशक नीरज आनन्द लिखार के नेतृत्व में निगम के भवन अनुज्ञा शाखा के अधिकारियों व इंजीनियरों के दल ने जोन क्रमांक 01, 15, 16, 17 और 20 के कोलूखेड़ा, भैंसाखेड़ी, मालीखेड़ी, लालघाटी, बैरागढ़, खेजड़ा बरामद, अयोध्या बायपास, ग्राम महोली, भानपुर जेल रोड, विदिशा रोड एवं करोंद आदि क्षेत्रों का सघन भ्रमण किया। इस दौरान 22 कालोनियों के निर्माणकर्ताओं के खिलाफ अनाधिकृत कालोनियों से संबंध में कार्रवाई के साथ संबंधित थानों में एफआइआर दर्ज कराई जा रही है।
संभागायुक्त ने दिए कार्रवाई के निर्देश
जिले में पिछले सात सालों में शहरी और उससे लगे ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से अवैध कालोनियां विकसित हुई हैं। यहां पर बिना किसी अनुमति के कालोनाइजर किसानों के साथ मिलकर अवैध ढंग से खेती की जमीन पर तेजी से प्लाट काटकर बेच रहे हैं। जहां पर किसी तरह की कोई सुविधा खरीदार को नहीं दी जाती है, उसे सिर्फ प्लाट की रजिस्ट्री थमाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। संभागायुक्त माल सिंह ने विभिन्न कार्यों की समीक्षा बैठक के दौरान ऐसे लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
अवैध कालोनाइजर्स पर दर्ज कराई जा रही एफआईआर
नगर निगम के मुख्य नगर निवेशक नीरज आनंद लिखर ने बताया कि नगर निगम भोपाल द्वारा कुल 255 अवैध कालोनियां चिह्नित की गई हैं। ये दिसंबर 2016 के बाद विकसित की गई हैं। इनमें से 159 अवैध कालोनियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई जा चुकी हैं। बाकि अन्य 96 अवैध कालोनियों को नोटिस दिए जा चुके हैं। इन पर भी जल्द से जल्द कार्रवाई की जाएगी। बता दें कि भोपाल में अवैध कालोनियां गेहूंखेड़ा , बैरागढ़ चीचली, सेमरी, प्रियंका नगर, सुहागपुर, दौलतपुर, लांबाखेड़ा, मालीखेड़ी, दामखेड़ा, बर्रई, खजूरी कलां, रातीबड़, नीलबड़, परवलिया सड़क, खजूरी सड़क, विदिशा रोड, नर्मदापुरम रोड सहित अन्य क्षेत्र में विकसित हुई हैं।