इनकम टैक्स के नियमों के मुताबिक, उन सभी लोगों को आईटीआर जमा करना जरूरी है, जिनकी सकल आय बेसिक इनकम टैक्स की छूट की सीमा से अधिक है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति की आय 5 लाख रुपये से कम है तो उसे इनकम टैक्स की धारा 87A के तहत टैक्स छूट का लाभ मिलेगा। हालांकि, इसके लिए आईटीआर जमा करना अनिवार्य है। उदाहरण के लिए अगर किसी व्यक्ति की आय 4.25 लाख है और यह इनकम टैक्स की छूट की सीमा 5 लाख रुपये से कम है। इस कारण आपको जीरो टैक्स भरना होगा। लेकिन आपकी आय 4.25 लाख रुपये है, जो कि इनकम टैक्स की बेसिक छूट सीमा 2.5 लाख (ओल्ड टैक्स रिजीम) से अधिक है। इस कारण आईटीआर जमा करना जरूरी है।

आईटीआर न जमा पर क्या होता है?

अगर आप समय से अपना आईटीआर जमा नहीं करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से 5000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि, अगर आपकी आय 5 लाख रुपये से कम है तो जुर्माने की राशि 1000 रुपये तक हो सकती है। वहीं, अगर आप पर कोई टैक्स देनदारी बनती है तो इस जुर्माने के अलावा टैक्स की राशि के साथ उस पर इनकम टैक्स की धारा 234A के तहत एक प्रतिशत हर महीने की ब्याज का भुगतान करना होगा। अगर आप आईटीआर जमा नहीं करते हैं तो आप शेयरों, एफएंडओ और अन्य चीजों से होने वाले नुकसान को कैरि फॉरवर्ड नहीं कर सकते हैं। हालांकि, देरी से आईटीआर जमा करने पर भी हाउस प्रॉपर्टी से होने वाले नुकसान को आप कैरी फॉरवर्ड कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति टैक्स रिफंड का पात्र है। 31 जुलाई, 2023 तक वह आईटीआर जमा नहीं करता है तो देरी से आईटीआर जमा नहीं करने के कारण उसे अपने रिफंड पर ब्याज नहीं मिलेगा और अगर वह आईटीआर नहीं जमा करता है तो उसे रिफंड भी नहीं मिलेगा।