जिला अस्पताल के नए भवन में बनाए गए एसएनसीयू वार्ड में बिजली लाइन के शार्ट सर्किट से आग लग गई
मुरैना । जिला अस्पताल के नए भवन में बनाए गए एसएनसीयू वार्ड में बिजली लाइन के शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग और धुंए के बवंडर के बीच एसएनसीयू वार्ड में हड़कंप मच गया और दूसरे वार्डों में भगदड़ मच गई। इस दौरान नर्सों ने ऐसा साहस दिखाया कि 15 से 17 मिनट के भीतर एसएनसीयू में भर्ती 44 नवजातों को दूसरे वार्ड में सुरक्षित शिफ्ट किया। नया अस्पताल का भवन डेढ़ साल पहले ही स्वास्थ्य विभाग को हैंडओवर हुआ है और इतने अल्प समय में बिजली लाइन में आग लगने की घटना पर प्रशासन भी हैरान है। बुधवार की दोपहर डेढ़ बजे के करीब नए अस्पताल भवन की दूसरी मंजिल पर बने एसएनसीयू वार्ड की सीलिंग (छत) से धुआं निकलने लगा। कोई कुछ समझ पाता उससे पहले ही धुएं का गुबार और बढ़ गया, इसके बाद छत में आग लग गई। एसएनसीयू के अंदर और बाहर कई नवजात बच्चों की मां व अन्य स्वजन थे जो आग व धुएं को देखकर घबरा गए और फिर भगदड़ मच गई। एसएनसीयू के सामने ही शिशु वार्ड है, जिसे भी अस्पताल के स्टाफ ने ऐहतियात के तौर पर खाली करने को कह दिया, इसके बाद शिशु वार्ड में भर्ती बच्चों को गोद में उठाकर ले जाने वाले माता-पिता में भी भगदड़ मच गई। नए अस्पताल भवन में भर्ती प्रसूता, बीमार बच्चे व उनके तीरमदार डरकर भवन से बाहर निकल आए। इसी बीच एसएनसीयू वार्ड की नर्सों ने जागरूकता और तत्परता दिखाते हुए, नवजात बच्चों को वार्ड से बाहर निकालना शुरू किया। नर्सों ने ऐसी फुर्ती दिखाई कि जो नवजात आक्सीजन पर थे, उनके लिए तत्काल एसएनसीयू वार्ड से आक्सीजन बेड भी शिफ्ट कर दिए गए। सूचना मिलने पर आग बुझाने के लिए दो फायर ब्रिगेड पहुंची, लेकिन तब तक अग्निशमन यंत्रों से आग पर काबू पा लिया गया। अगर इस काम में लापरवाही होती तो धुएं के कारण कई नवजातो की जान पर बन आती। सूचना मिलते ही अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद भी अस्पताल पहुंचे और पूरे हालातों का जायजा लिया। हालात सामान्य होने पर अस्पताल प्रबंधन ने एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजातों से उनके माता-पिता को मिलवाना शुरू कर दिया, इसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। एसएनसीयू व अन्य वार्ड में लगे आग बुझाने वाले सिलेंडर अक्टूबर 2023 में एक्सपायर हो चुके थे, लेकिन अस्पताल प्रबंधन का तर्क है, कि यह बिल्कुल सही थे और आग भी इनसे बुझाई है।
डेढ़ साल पहले अस्पताल बना, एक साल पहले एसएनसीयू शिफ्ट हुआ
जिला अस्पताल का नया भवन 300 पलंग की क्षमता वाला है, जिसका निर्माण हाउसिंग बोर्ड ने करवाया है। यह अस्पताल भवन करीब डेढ़ साल पहले स्वास्थ्य विभाग के हैंडओवर हुआ है और एक साल पहले पुराने भवन से इस नए भवन में एसएनसीयू वार्ड शिफ्ट हुआ है। महज डेढ़ साल में बिजली लाइन में फाल्ट होने की घटना पर अपर कलेक्टर सीबी प्रसाद ने सवाल उठाए। अपर कलेक्टर ने इसे लेकर सिविल सर्जन डा. जीएस तोमर से नाराजगी जताई तो सिविल सर्जन ने हाउसिंग बोर्ड के ईई दास से अपर कलेक्टर की बात करवा दी। अपर कलेक्टर ने फोन पर ही पूछा कि डेढ़ साल में लाइन फाल्ट कैसे हो सकती है। इस पर ईई दास ने जो जवाब दिया, उससे अपर कलेक्टर भड़क गए और सिविल सर्जन से कहा कि इस मामले में पूरी रिपोर्ट बनाकर मुझे दीजिए, ईई दास के खिलाफ कार्रवाई के लिए अभी संभाग आयुक्त को पत्र लिखा जाएगा।
पहले दो बार एसएनसीयू में लग चुकी है आग
मुरैना जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में आग लगने की घटना पहली बार नहीं हुई है। पहले भी दो बार नवजात बच्चों के वार्ड में आग लग चुकी है, तब एसएनसीयू वार्ड पुराने जिला अस्पताल की पहली मंजिल पर हुआ करता था। एक बार एयर कंडीशन के कंप्रेशर में ब्लास्ट होने के कारण भीषण आग लगी थी, जिसमें तीन-चार नवजातों के अलावा उन्हें बचाने का प्रयास करते समय कुछ कर्मचारी भी झुलस गए थे। इससे पहले बिजली लाइन फाल्ट होने के कारण एसएनसीयू वार्ड में भगदड़ मची थी।
इन्होने कहा
एसएनसीयू के इनवाल्व यूनिट में बिजली का हल्का सा फाल्ट हुआ, इसके बाद आग लग गई। इसकी जानकारी लगते ही पूरी टीम लग गई। जितने भी बच्चे भर्ती थे, सभी ने नवजात बच्चों को सुरक्षित तरीके से दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया है। वार्ड में फायर सिस्टम था, उसी से आग पर काबू किया गया।
डा. सुरेंद्र सिंह गुर्जर, आरएमओ, जिला अस्पताल
मेरा नवजात बेटा भर्ती था, मैं बेटे के लिए कपड़े लेने के लिए आई थी, इसी दौरान वार्ड में आग-धुआं हो गया। मैं तो देखकर घबरा गई, इसी दौरान नर्सों ने बच्चों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। भगवान की कृपा से किसी बच्चे को कोई नुकसान नहीं हुआ।
रजनी सिंह, निवासी पोरसा
मेरा बेटा भी एसएनसीयू में भर्ती है, अचानक से आग और धुआं निकलने लगा। लोग डर गए और इधर-उधर भागने लगे। नर्सें बच्चों को निकाल रही थीं, मैं भी उनकी मदद के लिए चला गया। लगभग 15 मिनट में सभी बच्चों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया, जो बच्चे आक्सीजन पर थे, उनके लिए भी दूसरे वार्ड में आक्सीजन की सुविधा कर दी।
गोलू कुमार,निवासी, जौरा रोड मुरैना
यह अस्पताल भवन डेढ़ साल पहले ही हैंडओवर हुआ है और इतने समय में बिजली लाइन में आग लगना, चिंता व जांच का विषय है। इसे प्रशासन पूरी गंभीरता से ले रहा है। हाउसिंग बोर्ड के ईई का जवाब गैर जिम्मेदाराना था, इसलिए उन पर कार्रवाई के लिए आयुक्त को पत्र लिखा जाएगा।
सीबी प्रसाद, अपर कलेक्टर, मुरैना