रायपुर।  भारतीय जनता पार्टी के किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने धान खरीदी को लेकर कांग्रेस द्वारा किए गए धरना-प्रदर्शन को कांग्रेस का एक और सुपर फ्लॉप शो बताते हुए कहा है कि कांग्रेस ऐसी लाख सियासी ड्रामेबाजी कर ले, लेकिन वह प्रदेश के किसानों को अपने झूठ से कतई गुमराह नहीं कर पाएगी। श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश का एक-एक अन्नदाता किसान आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा की प्रदेश सरकार की धान खरीद नीति से खुशहाल है। धान खरीदी को लेकर कांग्रेस अपने शासनकाल के धत्कर्मों पर पर्दा डालने के लिए अब किसानों को उकसा कर प्रदेश में अराजकता लाने की नाकाम कोशिश कर रही है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि कांग्रेस बारदाना, टोकन और तौल को लेकर मिथ्या प्रलाप करने में लगी है। कांग्रेस को यह नहीं भूलना चाहिए कि उसके शासनकाल में धान खरीदी में समितियों में तौल को लेकर व्यापक स्तर पर गड़बड़ी की शिकायत पूरे प्रदेश से आ रही थी। श्री शर्मा  ने कहा कि किसानों पर डण्डे बरसाने वाले, किसानों के घरों में छापे मरवाकर धान जब्त करके किसानों के आत्मसम्मान को रौंदने वाले, गिरदावरी के नाम पर खेत का रकबा मनमाने कम करने वाले कांग्रेसियों की सरकार ने अपने पिछले शासनकाल में लगभग 650 किसानों को आत्महत्या के लिए विवश किया था। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार छत्तीसगढ़ वर्ष 2019 और 2020 में किसानों की आत्महत्या के मामले में देश में छठवें स्थान पर था। श्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश सरकार हर साल बारदाना के नाम पर केंद्र सरकार पर ही ठीकरा फोड़ने में लगी रहती थी। आज बारदाने का संकट भी नहीं है और तुहँर हाथ तुहँर टोकन एप के जरिए किसानों ने हजारों टोकन स्वयं काट लिए हैं।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार बिना किसी अवरोध और अप्रिय प्रसंग के सुव्यवस्थित रीति से प्रदेश के किसानों का प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीद रही है और समर्थन मूल्य तथा अंतर की राशि का एकमुश्त भुगतान निर्धारित समय सीमा के भीतर कर रही है। पिछले साल के 130 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के विरुद्ध इस वर्ष प्रदेश की भाजपा सरकार ने 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य रखा है, जो कि पिछले साल से 30 लाख टन अधिक है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में 27.60 लाख (पिछले साल की तुलना में डेढ़ लाख से अधिक) किसानों ने अपना पंजीयन कराया है और रकबा के हिसाब से पिछले साल की तुलना में इस वर्ष किसानों ने लगभग 3.80 लाख एकड़ अधिक भूमि का पंजीयन कराया है।

श्री शर्मा ने कांग्रेस से सवाल करते हुए प्रदेश को उन सवालों का पूरी ईमानदारी से जवाब देने को कहा है :
 प्रदेश के किसानों की गिरदावरी के नाम पर रकबा क्यों काटा गया?
 प्रदेश में 650 किसानों ने विवश होकर आत्महत्या कर ली, उन आत्महत्याओं का जिम्मेदार कौन है?
प्रदेश के किसानों के हिस्से की खाद निजी क्षेत्र में क्यों दी गई? कांग्रेस सरकार में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव ने इसके लिए पत्र भी लिखा था तो उसका जवाब अभी तक क्यों नहीं आया है?
 प्रदेश के किसानों को धान बेचने के लिए स्वयं के पैसे से बारदाने खरीदने के लिए कहा गया। उन बारदानों का पैसा सरकार देगी, ऐसा कहकर भी कांग्रेस की सरकार ने उन किसानों को बारदाने का पैसा क्यों नहीं दिया?
कांग्रेस की सरकार किसानों को धान की अंतर की राशि का भुगतान एकमुश्त करने के बजाय चार किश्तों में क्यों किया जाता रहा?
आज अपने पापों का प्रायश्चित करने के बजाय भाजपा सरकार की नेकनीयती पर किस मुँह से कांग्रेस के लोग सवाल खड़ा कर रहे हैं?