केंद्र की ऋण शर्तें अन्यायपूर्ण, वायनाड पुनर्वास पर केरल मंत्री का बयान
केरल के राजस्व मंत्री के राजन ने शनिवार को केंद्र द्वारा वायनाड पुनर्वास के लिए स्वीकृत 529.50 करोड़ रुपये के ऋण की शर्तों को डरावना और क्रूर मजाक बताया। उन्होंने कहा कि वायनाड के पुनर्वास के लिए केंद्र द्वारा जारी राशि से यह स्पष्ट होता है कि वायनाड और केरल में भूस्खलन पीड़ितों के प्रति केंद्र सरकार का रवैया नहीं बदला है। राजन ने कहा कि केंद्र ने केरल को बिना शर्त वित्तीय सहायता देने के बजाय, ऋण के साथ कठोर शर्तें लगाई हैं, जिसमें 31 मार्च तक पूरी राशि का उपयोग करना अनिवार्य है।
वायनाड के लोगों का आरोप
साथ ही मामले में वायनाड के कुछ आपदा प्रभावित लोगों ने अपनी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि वे निराश हैं और आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य सरकार उन्हें एक पाले से दूसरे पाले में गेंद की तरह फेंक रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने यहां आकर हरसंभव मदद का वादा किया था, तो हमें उम्मीदें थीं, लेकिन अब हमें केवल ऋण दिया गया है।
राज्य सरकार ने बताया व्यावहारिक समस्या
मामले में राज्य के वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने भी 31 मार्च तक पूरी राशि का उपयोग करने की शर्त को व्यावहारिक समस्या बताया। इसके अनुसार, केंद्र से जारी की गई राशि को 10 कार्य दिवसों के भीतर कार्यान्वयन एजेंसियों को भेजना जरूरी है। अगर इसमें देरी हुई, तो राज्य को ब्याज का भुगतान करना होगा।
साथ ही विधानसभा में विपक्ष के नेता वीडी सतीशन ने भी केंद्र के फैसले की आलोचना की और इसे अव्यावहारिक बताया। उन्होंने कहा कि केंद्र केरल की मदद करने का दिखावा करते हुए उसका दम घोंटने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि इस ऋण को बीते साल केरल के वायनाड में जुलाई 2023 में हुए भूस्खलन में मारे गए 200 से अधिक लोगों के पुनर्वास के लिए स्वीकृत किया गया था, जिसे लेकर केंद्र की आलोचना की गई थी।