समाज में कई तरह के भ्रम होते हैं. कुछ भ्रम ऐसे भी होते है जो हमारे जीवन के लिए बेहद उपयोगी होते हैं. जैसा की हम जानते है कि सूरज न डूबता  और न हीं उगता है. लेकिन, हम मानते है कि सूरज डूबता और उगता है. ऐसी ही आस्था और मान्यता का एक केंद्र झारखंड के पलामू जिले में है. यहां हर वर्ष चैत्र नवरात्र में खास मेले का आयोजन होता है. 15 दिनों तक चलने वाला यह मेला भूतों के मेला के नाम से भी जाना जाता है.जिसमें हजारों किलोमीटर दूर से भी लोग पहुंचते हैं. भूत-पिचाश से पीड़ित लोग यहां से ठीक होकर जाते हैं.

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर हैदरनगर देवी धाम है.जिसे शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है. जहां हर वर्ष चैत्र नवरात्र में भूत मेला लगता है.यहां मां भगवती तीन रूप में विराजमान है.मंदिर के महंत त्यागी दास जी ने लोकल18 से कहा कि यहां चैत्र नवरात्र में मेला लगता है.जो क भूत मेला के नाम से प्रसिद्ध है. इस वर्ष इस मेले की तैयारी शुरू हो गई है.  यहां 9 अप्रैल से मेला लगना शुरू होगा. जिसके बाद ये मेला 24 अप्रैल तक चलेगा. इस मेले में दूर दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते है.और मुराद पूरी होने पर मां भगवती पर सिंगार, साड़ी, कपड़ा, गहना, व अन्य चीज चढ़ाते है.मान्यता है की यहां मांगी हुई हर मुराद पूरी होती है.

समाज में कई तरह के भ्रम होते हैं. कुछ भ्रम ऐसे भी होते है जो हमारे जीवन के लिए बेहद उपयोगी होते हैं. जैसा की हम जानते है कि सूरज न डूबता  और न हीं उगता है. लेकिन, हम मानते है कि सूरज डूबता और उगता है. ऐसी ही आस्था और मान्यता का एक केंद्र झारखंड के पलामू जिले में है. यहां हर वर्ष चैत्र नवरात्र में खास मेले का आयोजन होता है. 15 दिनों तक चलने वाला यह मेला भूतों के मेला के नाम से भी जाना जाता है.जिसमें हजारों किलोमीटर दूर से भी लोग पहुंचते हैं. भूत-पिचाश से पीड़ित लोग यहां से ठीक होकर जाते हैं.

पलामू जिला मुख्यालय मेदिनीनगर से लगभग 80 किलोमीटर दूर हैदरनगर देवी धाम है.जिसे शक्ति पीठ के नाम से भी जाना जाता है. जहां हर वर्ष चैत्र नवरात्र में भूत मेला लगता है.यहां मां भगवती तीन रूप में विराजमान है.मंदिर के महंत त्यागी दास जी ने लोकल18 से कहा कि यहां चैत्र नवरात्र में मेला लगता है.जो क भूत मेला के नाम से प्रसिद्ध है. इस वर्ष इस मेले की तैयारी शुरू हो गई है.  यहां 9 अप्रैल से मेला लगना शुरू होगा. जिसके बाद ये मेला 24 अप्रैल तक चलेगा. इस मेले में दूर दूर से श्रद्धालु पूजा अर्चना करने आते है.और मुराद पूरी होने पर मां भगवती पर सिंगार, साड़ी, कपड़ा, गहना, व अन्य चीज चढ़ाते है.मान्यता है की यहां मांगी हुई हर मुराद पूरी होती है.