भोपाल ।   लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रदेश को एक और सौगात देने जा रहे है। गुरुवार से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन के लिए एयर टैक्सी सेवा की शुरुआत हो रही है। इसका उद्देश्य प्रदेश के अंदर पर्यटन स्थलों को हवाई सेवा से जोड़ना है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्टेट हैंगर भोपाल से सेवा का शुभारंभ करेंगे। फलायओला कंपनी के तीन एयर क्रॉफ्ट का वॉटर एयर कैनन से स्वागत किया जाएगा। इसमें दो 6-6 सीटर और एक 8 सीटर एयर कॉफ्ट है। इसके अलावा एक अन्य कंपनी का हेलीकॉप्टर उपलब्ध रहेगा। जानकारी के अनुसार हवाई टैक्सी का न्यूनतम किराया तीन हजार रुपए तक रह सकता है। हालांकि यह दूरी के हिसाब से तय होगा। इसको लेकर अभी अंतिम निर्णय होना बाकी है। इन शहरों को जोड़ा जाएगा- सेवा की शुरुआत में कंपनी ने अपना रूट प्लान तैयार किया है। इसमें कंपनी का दिन के अनुसार रूट प्लान बदलता रहेगा। प्रारंभिक चरण में भोपाल, जबलपुर, रीवा, खजुराहो, उज्जैन और पमचढ़ी को धार्मिक पर्यटन हवाई सेवा से जोड़ा जाएगा। इसका दायरा बढ़ा कर आने वाले समय में  पर्यटकों की मांग के अनुसार अन्य शहरों को जोड़ा जाएगा। 

एप से कर सकेंगे बुकिंग 

एयर टैक्सी सेवा का लाभ लेने के लिए कंपनी की तरफ से एप उपलब्ध कराया जाएगा। इस एप पर रूट से लेकर एयर टैक्सी के रूट के अनुसार किराया, टाइमिंग से लेकर पूरी जानकारी उपलब्ध रहेंगी। इसी एप से एयर टैक्सी सेवा की बुकिंग भी सुविधा रहेंगी। मुख्यमंत्री गुरुवार को यह एप  भी लांच कर सकते है। 

रिस्पांस ना मिलने से बंद हो चुकी सेवा

प्रदेश में 2011 में वेंचुरा एयर कनेक्ट ने एयर टैक्सी के माध्यम से भोपाल को जबलपुर,इंदौर समेत अन्य शहरों से जोड़ा। इसके लिए पर्यटन विभाग ने कंपनी से  अनुबंध किया था। इसमें  विभाग ने नौ सीटर विमान में तीन सीट के किराए  का भुगतान करता था। कंपनी को  एक सीट बुक होने पर उसे बाकी  दो सीट का किराया मिल जाता था ताकि उड़ान लगातार चलती रहे। हालांकि अनुबंध समाप्त होने के बाद कंपनी ने अपनी सेवा भी बंद कर दी।  
 
सप्ताह में चार दिन सेवा का संचालन अनिवार्य 

सरकार पर्यटन स्थलों पर प्रदेश के अंदर निजी ऑपरेटरों से एयर टैक्सी सेवा शुरू कर रही है। इस सेवा में ऑपरेटर को सेक्टर किराया निर्धारण करने की छूट रहेगी। रूट का चयन एवं रूट परिवर्तन करने से पहले सेवा प्रदाता को निगम को सूचित करना होगा। सप्ताह में चार दिन सेवा का संचालन आवश्यक रूप से करना होगा। इसके लिए सरकार निजी ऑपरेटर को वीजीएफ अनुदान के रूप में 1.20 लाख रुपए देंगी। 150 घंटे प्रतिमाह संचालन न होने पर निर्धारित दर से वीजीएफ में कटौती भी होगी।