देवभूमि उत्तराखंड में ऐसे कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनकी अपनी-अपनी मान्यताएं हैं. अल्मोड़ा जिले में एक ऐसा ही शिव मंदिर है, जहां पर काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. लोगों की मान्यता है कि यहां दर्शन मात्र से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अल्मोड़ा नगर में स्थित है रत्नेश्वर महादेव मंदिर और यह मंदिर प्राचीन काल का बताया जाता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, यह शिवलिंग नवरत्नों से बना हुआ है. भोलेनाथ के इस मंदिर में हर सोमवार, माघ और सावन के महीने में भक्तों का तांता लगा रहता है. श्रद्धालु दूध और जल शिवलिंग पर अर्पित करते हैं.

स्थानीय निवासी जंग बहादुर थापा ने कहा कि भगवान शिव का यह मंदिर प्राचीन काल का है. इस मंदिर में नवरत्नों से बना शिवलिंग स्थापित है. मान्यता है कि इस मंदिर में वही श्रद्धालु आ सकते हैं, जिन्हें भगवान शंकर का बुलावा मिला हो. यहां पर लोगों की मनोकामना पूरी होती है. लोग बताते हैं कि उन्होंने यहां आकर जो कुछ भी भोलेनाथ से मांगा है, वह सब उन्हें मिला है. शिवलिंग स्थल के ठीक पीछे माता और भैरव के साथ हनुमान जी विराजमान हैं.

मंदिर आकर हुई संतान सुख की प्राप्ति
रत्नेश्वर महादेव मंदिर आई श्रद्धालु हंसा गुरुरानी ने कहा कि वह पिछले कई साल से इस मंदिर में आ रही हैं. उनका मानना है कि यहां पर साक्षात भोलेनाथ विराजमान हैं क्योंकि उनकी कृपा से ही उन्हें संतान सुख मिला है. पुजारी द्वारा बताई गई विधि के अनुसार उन्होंने यहां लगातार पूजा-अर्चना किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया. महादेव के आशीर्वाद से उन्हें संतान सुख की प्राप्ति हुई और उनके घर में सुख-समृद्धि का वास हुआ.

रत्नेश्वर महादेव मंदिर में महिला पुजारी
रत्नेश्वर महादेव मंदिर की महिला पुजारी विमला गोस्वामी ने कहा कि वहां पिछले कई साल से मंदिर में पूजा-अर्चना कर रही हैं. भगवान शिव के इस मंदिर में वह इस कदर रम चुकी हैं कि अगर वह एक दिन भी मंदिर न आएं, तो उन्हें बेचैनी होने लगती है. इस मंदिर में लोगों की कई मनोकामनाएं पूरी हुई हैं. श्रद्धालुओं की जब मनोकामना पूरी हो जाती है, तो यहां आकर वे प्रसाद चढ़ाते हैं और भंडारा आदि कराते हैं.