घर क्या होता है...., ये भागचन्द्र ने अब जाना
भोपाल : भागचन्द्र ने पक्के घर के बारे में सोचा भी नहीं था। क्यूंकि एक टूटी-फूटी कच्ची झोपड़ी ही उसका घर था। दिन बीते, साल बीते, पर भागचन्द्र का घर कच्चा था, कच्चा ही रहा।
पर अब ऐसा नहीं है। सरकार की मदद से भागचन्द्र के दिन बदल गये, रातें भी बदल गयीं। क्यूंकि अब वे अपने पक्के घर में परिवार के साथ खुशी-खुशी रह रहे हैं। घर क्या होता है भागचन्द्र ने अब जाना और ये संभव हुआ है, प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन मिशन) की आवास योजना से।
ये सच्ची कहानी शिवपुरी की है। शिवपुरी जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति सहरिया की बड़ी आबादी निवास करती है। ज्यादातर सहरिया परिवार आर्थिक रूप से कमजोर होने के कारण कच्चे घरों में ही रहते हैं। पक्का घर इनके लिये सपने की तरह ही होता है। पर अब भारत सरकार की एक विशेष योजना ने इन सभी सहरिया परिवारों के जीवन को बदलने और इन्हें पक्का घर दिलाने का बीड़ा उठाया है। पीएम जनमन मिशन की आवास योजना में चुने गये शिवपुरी जिले में रह रहे सभी सहरिया परिवारों का सर्वे करके सबको पक्का घर देने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। भागचन्द्र भी इसी सर्वे में पात्र पाये गये थे। पात्र होने पर तेजी से इनका घर बनाया गया।
शिवपुरी ब्लॉक की कलोथरा ग्राम पंचायत क्षेत्र के निवासी भागचन्द्र सहरिया पीएम जनमन मिशन की पक्का आवास योजना का लाभ पाने वाले पूरे मध्यप्रदेश और शिवपुरी जिले के पहले लाभार्थी बन गये हैं। भागचन्द्र ने अपने नये-नये पक्के घर में इसी महीने गृह प्रवेश भी कर लिया है।
भागचन्द्र अपनी आँखों में कृतज्ञता के भाव लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार जताते नही थकते। वे कहते हैं सरकार ने उनके जैसे लाखों परिवारों के दर्द को समझा और सबके पक्के घर बनाने की योजना बनाई, यह बहुत बड़ी बात है। उसका एक सपना अब पूरा हो गया है।