झाबुआ । एक अनपढ़ और गरीब आदिवासी परिवार के ब्रेन डेड युवक के अंगदान से चार लोगों की जान बची। धार जिले के पीपल्दा गांव के मजदूर युवक की मौत दुर्घटना में हो गई थी। जब इसे अस्पताल लाया गया था। तब उसका ब्रेन डेड था। अंगदान जागृति अभियान के सदस्यों को जब इसकी जानकारी प्राप्त हुई तब उन्होंने युवक के परिवारजनों से अंगदान करने के लिए अनुरोध किया। गरीब आदिवासी परिवार के लोग अंगदान करने के लिए तैयार हो गए। ब्रेन डेड युवक का हृदय, लीवर और दोनों किडनी चार मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए। जिससे चार लोगों को नया जीवनदान मिल गया। आदिवासी परिवार का बेटा राहुल भंवर गुजरात के गांधीनगर में मजदूरी करने के लिए गया था। काम करते हुए वह ऊंचाई से नीचे गिर गया था। जिसके कारण उसके सिर में चोट आई थी। उसका ब्रेन डेड हो गया था। बाकी सारे अंग काम कर रहे थे।