भोपाल ।    मध्‍य प्रदेश सरकार ने 26 वर्षों बाद नक्सली आत्मसमर्पण, पुनर्वास एवं राहत नीति में परिवर्तन कर 22 अगस्त से लागू कर दिया है। इसमें आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली की उपयोगिता के आधार पर उसे गोपनीय सैनिक या आरक्षक पद बनाया जा सकता है। हिंसा में मृत्यु पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को कलेक्टर तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति दे सकेंगे। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को अचल संपत्ति खरीदने 20 लाख, व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख, मकान बनाने के लिए डेढ़ लाख सहित अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। वहीं, नक्सल हिंसा में नागरिक की मृत्यु होने पर स्वजन को 15 लाख रुपये की सहायता मिलेगी। सुरक्षा कर्मी की मृत्यु पर स्वजन को 20 लाख और शारीरिक अक्षमता पर चार लाख रुपये देने का प्रविधान किया है।

नीति में परिवर्तन के आदेश जारी

अपर मुख्य सचिव गृह डा.राजेश राजौरा ने शुक्रवार को 1997 में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों एवं नक्सल पीड़ित व्यक्तियों के पुनर्वास के लिए नीति में परिवर्तन कर लागू करने के आदेश जारी किए। इसमें हिंसा का रास्ता छोड़कर स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने वालों को रोजगार और उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करने के साथ पुनर्वास किया जाएगा।

ऐसे उग्रवादियों पर लागू होगी नीति

यह नीति उन्हीं नक्सलवादियों पर लागू होगी, जिनके विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं या जो माओवादी, उग्रवाद से संबंधित प्रतिबंधित संगठनों के महत्वपूर्ण पदाधिकारी या कैडर के सदस्य हैं। इन्हें सरकार द्वारा नामांकित अधिकारी के समक्ष आत्मसमर्पण करना होगा। साथ ही आत्मसमर्पण करने वाला जिस संगठन के लिए काम कर रहा था, उसके कार्यकर्ताओं की पहचान बताने के साथ अन्य जानकारियां भी देनी होगी।

अपने द्वारा आपराधिक कृत्यों को स्वीकार कर सार्वजनिक रूप से स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने संबंधी बयान देना होगा। नीति के अंतर्गत लाभ देने के लिए राज्य और जिला स्तर पर समिति गठित होंगी। इन्हें तीस दिन के भीतर आत्मसमर्पण के प्रस्ताव पर निर्णय लेना होगा। नई नीति में 2014 के केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के साथ ही छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की नीतियों का अध्ययन कर नई नीति तैयार की गई है।

यह मिलेगी सुविधा

हथियार के साथ आत्मसमर्पण करने पर 20 हजार से लेकर साढ़े चार लाख रुपये तक अनुग्रह राशि दी जाएगी। आत्मसमर्पणकर्ता को गृह निर्माण के लिए डेढ़ लाख, विवाह के लिए 50 हजार, तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पांच लाख या घोषित पुरस्कार राशि, जो अधिक हो, मिलेगी। इसमें से पचास हजार रुपये सात दिन के भीतर मिलेंगे। शेष राशि सावधि जमा होगी। संतोषप्रद आचरण होने पर शेष राशि में से प्रतिवर्ष एक लाख रुपये मिलेंगे।
अचल संपत्ति खरीदने के लिए बीस लाख, दो किस्तों में व्यावसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख और आयुष्मान भारत व खाद्यान्न सहायता योजना का लाभ भी दिया जाएगा। आत्मसमर्पणकर्ता के विरुद्ध दर्ज अपराधों की सुनवाई न्यायालयों में चलती रहेगी और शासन गुण-दोष के आधार पर प्रकरण वापस लेने का निर्णय लेगा। आरक्षक पद पर नियुक्ति नक्सल उन्मूलन आपरेशन में विशेष सफलता मिलने पर पुलिस महानिरीक्षक की अनुशंसा पर पुलिस महानिदेशक के अनुमोदन से की जाएगी। वहीं, पीड़ित परिवार (बलिदानी सुरक्षाकर्मी सहित) के राहत प्रकरण का निराकरण एक माह में जिला स्तरीय समिति को करना होगा। इसमें, नक्सल हिंसा में पीड़ित परिवार को प्रति मृत व्यक्ति 15 लाख, मृत सुरक्षाकर्मी के स्वजन को 20 लाख (बलिदानी को दी जाने वाली सहायता से अतिरिक्त), शारीरिक अक्षमता पर चार लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। परिवार के किसी एक सदस्य को तृतीय या चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्ति, अचल संपत्ति को पूरी तरह क्षति पहुंचने पर डेढ़ लाख और आंशिक क्षति पर 50 हजार रुपये की सहायता दी जाएगी है।