चेन्नई । कांग्रेस ने बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) पर भाजपा से ‎मिलीभगत करने का आरोप लगाया है। बता दें ‎कि कल ही बैंक ने सनी देओल के बंगले को नीलाम करने का नो‎टिस चस्पा ‎किया और आज उसे ‎निरस्त करने का ‎विज्ञापन जारी कर ‎दिया। बैंक के तकनीकी कारण पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोमवार को अभिनेता से नेता बने सनी देओल के जुहू स्थित आवास की ई-नीलामी के लिए बैंक नोटिस वापस लेने को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर तंज कसा और कहा ‎कि आश्चर्य है कि इन तकनीकी कारणों को किसने शुरू किया। उन्होंने कहा ‎कि कर्ज अदा न करने पर भाजपा सांसद और अभिनेता सनी देओल की मुंबई संपत्ति की नीलामी के अपने फैसले को वापस ले लिया है। बैंकिंग क्षेत्र के प्रमुख संघ ने बैंक के इस कदम की आलोचना की है। बता दें ‎कि 30 जून तक 34,832.16 करोड़ रुपये के सकल गैर-निष्पादित ऋण से लदे बैंक ने लगभग 56 करोड़ रुपये की ऋण राशि और उस पर ब्याज का भुगतान न करने पर अभिनेता सनी देओल की मुंबई संपत्ति की नीलामी करने के अपने फैसले को वापस लेने का फैसला किया। 
इस पर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद ने कहा ‎कि आश्चर्य है कि इन तकनीकी कारणों को किसने शुरू किया? इधर अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सी.एच.वेंकटचलम ने कहा ‎कि ऐसा लगता है कि यह बीजेपी की फोन बैंकिंग शैली है। गौरतलब है कि इसके पहले भाजपा आरोप लगाती थी कि जब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, तो उसके नेता अपने पसंदीदा लोगों को ऋण स्वीकृत करने के लिए बैंकरों को बुलाते थे। बैंक ने सोमवार को एक अखबार के विज्ञापन में कहा कि श्री अजय सिंह देओल उर्फ ​​श्री सनी देओल की संपत्ति नीलामी के फैसले को तकनीकी कारणों से वापस ले लिया गया है। रविवार को अखबार के विज्ञापन में बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा कि कर्जदार सनी देओल पर 26 दिसंबर, 2022 से ब्याज और लागत के साथ बैंक का लगभग 55.99 करोड़ रुपये बकाया है। क्या बैंक ने अभिनेता का नाम अजय सिंह देओल के बजाय अजय सिंग देओल लिख दिया है, यह अभी तक पता नहीं चल पाया है।