भोपाल । भिंड-दतिया लोकसभा की डगर इस बार भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए आसान नहीं हैं। कांग्रेस प्रत्याशी को पूर्व में दिए गए विशेष समाज के लिए विवादित बयान ही उन्हें परेशानी में डाल रहे हैं। जबकि भाजपा प्रत्याशी को भी जगह-जगह आमजन की नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है, कि जब वह किसी गांव में पहुंचती है तो लोगों की जुबान पर एक ही नाम आता है, कि पांच साल आप कहां रही? और क्या विकास कराए हैं।
बता दें, कि 17वीं लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सांसद संध्या राय पर फिर से विश्वास जताते हुए मैदान में उतारा है। इन पांच सालों में सांसद भिंड-दतिया जिले को कोई बड़ी सौगात नहीं दिला पाई । हालांकि पिछले साल भिंड-अटेर मार्ग स्थित रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज, सोनी, सौंधा और रायतपुरा में ओवरब्रिज मंजूर कराए हैं, लेकिन इन चारों जगहों में से एक भी स्थान पर काम शुरू नहीं सके हैं।
यही वजह है, कि महाशिवरात्रि पर जब सांसद राय मेहगांव के वनखंडेश्वर मंदिर पर गई थी, तो सजातीय लोगों ने ही उन्हें आड़े हाथों ले लिया और भरी बैठक में पूछ लिया था, कि पांच सालों में आपको समाज की कभी याद नहीं आई है पांच सालों में आपने क्या विकास कार्य कराए हैं। इसी तरह उमरी भी उन्हें आमजन के विरोध का सामना करना पड़ा था। हालांकि भाजपा के नेताओं ने सांसद के डैमेज कंट्रोल को संभाल लिया है।

फूल सिंह बरैया रहे हैं विवादित
कांग्रेस ने इस बार भांडेर विधायक फूल सिंह बरैया को टिकट दिया है। बरैया तो वैसे तो भिंड जिले के गोरमी क्षेत्र के सिकरौदा के रहने वाले हैं, लेकिन उनका राजनीतिक कार्य क्षेत्र दतिया का भांडेर रहा है। यही वजह है, कि 2003 के बाद 2023 में फिर से विधायक बने हैं। बरैया क्षेत्र में अपने विवादित बयानों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं। 2023 विधानसभा चुनाव में बरैया ने घोषणा की थी, कि अगर भाजपा 50 से अधिक सीटें लाती हैं तो वह अपना मुंह काला करवाएंगे। भाजपा 160 से अधिक सीटें आई तो बरैया भोपाल पहुंच गए। पूर्व मुख्यमंत्री ने काला टीका लगाकर मुंह काला करने की औपचारिकता कर दी थी। बरैया के लिए सबसे अधिक मुश्किलें 2019 में प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया बन रहे हैं। टिकट कटने से आहत जरारिया इंटरनेट मीडिया पर अपना दुख भी जता सके हैं। इसके अलावा टिकट की दौड़ में शामिल लोगों ने उनसे और पार्टी से दूरी बनानी शुरू कर दी है।
भाजपा ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू किया
भाजपा ने संसदीय क्षेत्र में डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर उप मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री लगातार भिंड के दौरे पर आ रहे हैं। वरिष्ठ पदाधिकारी नाराज कार्यकर्ताओं को मना रहे हैं, लेकिन कांग्रेस ने प्रत्याशी घोषित करने के बाद अभी तक शुरुआत नहीं की है और न ही किसी बड़े नेता का दौरा हुआ है।