इन दिनों महादेव का प्रिय सावन मास चल रहा है। वैसे तो ये पूरा महीना ही शिव पूजा के लिए विशेष माना गया है, लेकिन इस महीने में आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का महत्व सबसे ज्यादा है।

इस तिथि पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। इस बार सावन शिवरात्रि का व्रत 15 जुलाई, शनिवार को किया जाएगा। इस दिन कई शुभ योग भी रहेंगे, जिसके चलते इसकी अहमियत और भी बढ़ गई है। पंचांग के मुताबिक, 15 जुलाई, शनिवार को सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि शाम 07.17 तक रहेगी और इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरम्भ होगी। त्रयोदशी तिथि होने से इस दिन शनि प्रदोष व्रत भी किया जाएगा तथा चतुर्दशी तिथि होने मासिक शिवरात्रि व्रत भी। ये दोनों ही व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किए जाते हैं। सावन में प्रदोष एवं मासिक शिवरात्रि व्रत का एक ही दिन होना एक दुर्लभ संयोग है। इस दिन वृद्धि और ध्रुव नाम के 2 शुभ योग दिन भर रहेंगे।

कहते हैं कि मासिक शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान महादेव को प्रसन्न किया जा सकता है. श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है. यह दिन बहुत विशेष माना जाता है. इस दिन कावड़िए भगवान शिव पर जल चढ़ाएंगे. तो आइए जानते हैं कि सावन की मासिक शिवरात्रि के दिन किन गलतियों से सावधान रहना चाहिए.

मासिक शिवरात्रि के दिन इन गलतियों से रहे सावधान:-
* सावन की पहली शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए तथा ना तुलसी से बना पंचामृत भोग लगाएं.
* इस व्रत के दिन शिवलिंग पर कुमकुम एवं सिंदूर अर्पित न करें.
* साथ ही मासिक शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर नारियल का जलाभिषेक न करें.
* इस दिन भगवान महादेव को केतकी और चंपा के फूल नहीं चढ़ाने चाहिए.
* भगवान महादेव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल या अक्षत नहीं चढ़ाने चाहिए. अक्षत मतलब- अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है.