इन दिनों बिगड़ती लाइफस्टाइल और तेजी से बदलती खानपान की आदतों की वजह से लोग कई तरह की समस्याओं का शिकार होते जा रहे हैं। खासकर महिलाएं अक्सर कामकाज और घर-परिवार की जिम्मेदारियों के बीच अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं, जिससे उन्हें कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होने लगती हैं।

कंधे का दर्द या बेचैनी एक आम बीमारी है, जो कई लोगों विशेषकर महिलाओं को ज्यादा प्रभावित करती है। हाल के वर्षों में, महिलाओं में कंधे की स्वास्थ्य समस्याएं काफी आम हो गई हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि इन वजहों से महिलाओं में इस तरह की समस्याएं होती हैं और इनसे किस तरह से निपटा जा सकता है।

इन वजहों से महिलाओं को होता है कंधे का दर्द

गतिहीन जीवनशैली

आजकल समय की कमी की वजह से लोग मुश्किल से ही फिजिकल एक्टिविटी कर पाते हैं। ऐसे में फिजिकली एक्टिव कम होने वजह से कंधे का दर्द बढ़ने लगता है। लंबे समय तक डेस्क पर काम करने के साथ ही बहुत कम या कोई एक्सरसाइज न करने से कंधे की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं। ऐसे में मूवमेंट की कमी कंधे के जोड़ पर दबाव डाल सकती है, जिसके परिणामस्वरूप दर्द और असुविधा हो सकती है।

खराब मुद्रा

कई मामलों में बैठने की खराब पोजिशन भी महिलाओं में कंधे के दर्द का कारण बनती है। कंधे में होने वाले तनाव और दर्द को कम करने के लिए सही अलाइनमेंट, अच्छे एर्गोनॉमिक्स और वर्कप्लेस पर थोड़ी बहुत गतिविधियों में सुधार महत्वपूर्ण हैं। कंधों का खराब स्वास्थ्य राउंडेड शोल्डर, आगे की ओर झुके शरीर और गर्दन में दर्द का कारण बन सकता है।

बढ़ता काम का बोझ और तनाव

इन दिनों हर किसी को काम के बढ़ते प्रेशर और तनाव की वजह से परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर महिलाओं को ऑफिस और घर दोनों की ही जिम्मेदारियां निभानी पड़ रही हैं,जिसकी वजह से उनका तनाव का स्तर बढ़ सकता है। कंधे और गर्दन में दर्द अक्सर तनाव के शारीरिक लक्षणों में से एक है। ऐसे में तनाव के कारण होने वाले कंधे के दर्द से राहत पाने को लिए अपनी लाइफस्टाइल में कुछ जरूरी बदलाव कर सकते हैं।

ज्यादा या लगातार कंधों का इस्तेमाल

टाइपिंग, पेंटिंग या खेल जैसी गतिविधियों में बार-बार कंधे का इस्तेमाल होता है, जिससे मांसपेशियों में दबाव पड़ने की वजह से दर्द और सूजन हो सकती है। ऐसे में इससे बचने के लिए नियमित रूप से आराम, स्ट्रेचिंग और काम करने की सही तकनीक की मदद से कंधे के दर्द को कम किया जा सकता है।

हार्मोन्स में बदलाव

कंधे का दर्द महिलाओं द्वारा अनुभव किए जाने वाले हार्मोनल बदलावों के कारण भी हो सकता है। खासकर गर्भावस्था और मेनोपॉज के दौरान। हार्मोन्स में बदलाव की वजह से जोड़ों की लैक्सिसिटी प्रभावित होती है, जिससे दर्द और डैमेज का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे समय में, स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर, बार-बार व्यायाम करके और सही चिकित्सीय सलाह की मदद से कंधे के दर्द को कंट्रोल किया जा सकता है।

उम्र से संबंधी कारक

महिलाओं को उम्र से संबंधी कारकों के कारण कंधे में दर्द की समस्या हो सकती है। इस दौरान आमतौर पर रोटेटर कफ की चोटें और कंधे का ऑस्टियोआर्थराइटिस होता है। ऐसे में नियमित व्यायाम, स्वस्थ वजन और थोड़ी बहुत फिजिकल एक्टिविटी की मदद से इन समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।