इन दिनों लोग कई ऐसी चीजों का इस्तेमाल करने से लगे हैं, जो उनके काम को आसान बनाए। ऐसे में समय बचाने के लिए हम कई ऐसी चीजों को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बना लेते हैं, तो हमारे लिए ही हानिकारक साबित होती है। प्लास्टिक इन्हीं में से एक है। इन दिनों प्लास्टिक हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है। हालांकि, यह बात भी सच है कि इसके लगातार इस्तेमाल की वजह से हमारे पर्यावरण को भारी नुकसान हो रहा है।

आमतौर पर खाने की चीजें पैक करने के लिए इस्तेमाल होने वाला प्लास्टिक बॉक्स प्लास्टिक रेजिन में कार्बन ब्लैक पिगमेंट को जोड़कर बनाया जाता है। यह पिगमेंट प्लास्टिक को काला रंग देने का काम करता है। ऐसे में जब हम इस कंटेनर में खाना आदि खाते हैं, तो इसमें मौजूद केमिकल्स के कुछ कण हमारे खाने में मिल जाते हैं और खाने के साथ हमारे शरीर में चला जाता है, जो बाद में हमें नुकसान पहुंचाता है। अगर इस प्लास्टिक बॉक्स में ज्यादा गर्म खाना रखा जाए या फिर माइक्रोवेव में इसमें खाना रखकर गर्म किया जाए, तो इससे कैंसर होने का खतरा बढ़ता है।

क्याें हानिकारक है ब्लैक प्लास्टिक

ब्लैक प्लास्टिक में कार्बन ब्लैक पिगमेंट की मौजूदगी इसे सेहत के लिए हानिकारक बनाती है। कार्बन ब्लैक प्लास्टिक में पॉलीसाइक्लिक एरोमैटिक हाइड्रोकार्बन (PAH) में मौजूद को 'इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर' (IARC) ने कार्सिनोजेन माना है, जिससे कैंसर होने का खतरा रहता है। यही नहीं इसकी वजह से रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम भी हो सकती है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो अक्सर इन ब्लैक बॉक्स में खान खाते हैं, आज भी अपनी इस आदत को बदल दें।

कैसे कैंसर का कारण बनता है ब्लैक प्लास्टिक?

ब्लैक प्लास्टिक में कई सारे हानिकारक केमिकल्स पाए जाते हैं। इन्हीं खतरनाक केमिकल्स में से एक ‘एंडोक्रिन डिस्ट्रक्टिंग’ हमारे लिए जहर के समान है, क्योंकि यह हमारे शरीर के अंदर जाकर हार्मोंस का संतुलन बिगाड़ देते हैं। इस वजह से हार्मोन्स सही तरीके से अपना काम नहीं कर पाते हैं। ऐसे में लंबे समय तक इसका इस्तेमाल करने से इसमें मौजूद केमिकल कैंसर का कारण बन जाते हैं। हैरानी की बात यह है कि प्लास्टिक में यह खतरनाक केमिकल पहले से मौजूद नहीं रहते हैं। यह इसमें खाना गर्म करने या गर्म खाना रखने के बाद उत्पन्न होते हैं।