सनातन धर्म को मनाने वाले ज्यादातर घरों में गंगाजल पाया जाता है. घर की शुद्धता का कोई भी काम हो गंगाजल का उपयोग किया जाता है. वहीं, हमारे यहां गंगा को नदी के साथ-साथ मां का दर्जा दिया गया है. ऐसा कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से इंसान के सारे पाप धुल जाते हैं. पूजा-पाठ और शुभ कार्यों में भी गंगाजल का उपयोग किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गंगाजल को रखने के क्या नियम हैं? अगर आप नहीं जानते हैं तो आज हमें इस विषय में अधिक जानकारी दे रहे हैं दिल्ली निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित आलोक पाण्ड्या कि गंगाजल को किस तरह से रखना चाहिए और किस पात्र में रखना शुभ होगा.

गंगाजल को घर में रखने के नियम

1. गंगाजल कभी खराब नहीं होता
सबसे पहली बात कि गंगाजल कभी भी खराब नहीं होता है. गंगाजल कभी भी अशुद्ध नहीं होता है. गंगा के जल की खास बात है कि इसमें कभी कीड़े नहीं लगते हैं. यही कारण है कि गंगाजल कई सालों तक बॉटल में साफ और शुद्ध रखा रहता है.

2. दूर रहती है नकारात्मकता
ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में गंगाजल रखा रहता है वहां कभी भी निगेटिव एनर्जी का वास नहीं होता है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय घर में गंगाजल का छिड़काव करने से घर शुद्ध हो जाता है.

2. दूर रहती है नकारात्मकता
ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में गंगाजल रखा रहता है वहां कभी भी निगेटिव एनर्जी का वास नहीं होता है. हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार, सूर्य या चंद्र ग्रहण के समय घर में गंगाजल का छिड़काव करने से घर शुद्ध हो जाता है.

4. किस बर्तन में रखना शुभ?
घर में गंगाजल को तांबे या पीतल के लोटे या बर्तन में ही भरकर रखें. प्लास्टिक की बोलत में गंगाजल को भरना ,सही नहीं माना जाता है. कभी भी गंगाजल को अपने उस घर में नहीं रखें जहां अंधेरा रहता है. इन बातों का ध्यान रखते हुए आप अपने घर में गंगाजल रखें.