प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने पत्र लिखा है। नेता प्रतिपक्ष ने प्रधानमंत्री से महाकाल लोक में हुए भ्रष्टाचार की जानकारी देने समय मांगा है।

नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन महाकाल मंदिर में साढ़े सात महीने पहले विकास कार्य का लोकार्पण किया था। 800 करोड़ रुपए यह महाकाल लोक तैयार किया गया। महाकाल लोक में सप्त ऋषियों की मूर्तियां मध्य प्रदेश सरकार के द्वारा लगवाई गई थी वह केवल थोड़ी सी हवा में गिरकर टूट गई। इसकी तथ्यात्मक जानकारी देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांगा है। साथ ही सिंह ने पत्र में मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री ने सिंहस्थ की आरक्षित भूमि रखने की देने भी समय मांगा है। सिंह ने लिखा कि मास्टर प्लान में उक्त जमीन को आवासीय और व्यवसायिक कर दी गई है। इससे इसकी कीमत अरबो रुपए हो गई। जबकि इस भूमि में सिंहस्थ के समय साधु-संत को अखाड़े लगते हैं। एवे वाहन पार्किंग के लिए उपयोग किया जाता रहा है।

सिंह ने कहा कि महाकाल लोक में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। उन्होंने कहा कि बेहद निंदनीय एवं शर्मनाक घोटाला है। मैं मोदी जी को बताना चाहता हूं कि सवा सौ करोड़ के रहने वाले देशवासियों सनातन धर्म प्रेमियों को ठेस पहुंचाई गई है। आप मुझे समय दें मैं तथ्यात्मक जानकारी दूंगा और मांग भी करूंगा कि ऐसे दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लगाए जा रहे हैं पोस्टर पर नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह बोल कि कुछ लोग सिर्फ घृषित मानसिकता के होते हैं। वह लोग ऐसा कृत्य करते है। मैं इसकी निंदा करता हूं। वहीं, भाजपा के पूर्व विधायक अरुण भीमावद के ज्योतिरादित्य सिंधिया पर दिए बयान पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब कांग्रेस में थे तब राजा महाराजा कहलाते थे। अब भाजपा के नेता उनके लिए अपमानजनक शब्दों का उपयोग कर रहे हैं। इससे भाजपा का चाल चरित्र चेहरा सामने आ गया है। मैं उनके बयान की निंदा करता हूं। तत्काल भीमावद के खिलाफ कार्रवाई की मांग करता हूं।