बेरुत। दुनिया पहले ही दो युद्धों से जूझ रही है, अब एक और संघर्ष की आहट ने चिंता बढ़ा दी है। दरअसल इस्राइल और हिजबुल्ला के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच लेबनान के संगठन हिजबुल्ला ने दावा किया है कि उसने इस्राइल के सैन्य ठिकानों पर 200 से अधिक रॉकेट दागे हैं। यह हिजबुल्ला द्वारा इस्राइल पर किया गया अब तक का सबसे बड़ा हमला है। हिजबुल्ला का कहना है कि उसने अपने कमांडर की मौत का बदला लिया है। ऐसी आशंका जताई जा रही है है कि दोनों पक्ष पूर्ण रूप से युद्ध का एलान कर सकते हैं। अगर ऐसा होता है तो मध्य पूर्व में संघर्ष बढ़ने का खतरा पैदा हो जाएगा। इसे लेकर पूरी दुनिया में चिंता है। आपको बता दें कि इस्राइल की तरफ की की गई एक हमले में हिजबुल्लाह के कमांडर की मौत हो गई थी। इजरायली सेना ने बुधवार को स्वीकार किया था कि उसने एक दिन पहले दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्ला की एक क्षेत्रीय डिवीजन का नेतृत्व करने वाले मोहम्मद नामेह नासिर को ढेर किया था। इससे पहले भी इस्राइली सेना ने हिजबुल्ला के कमांडरों को मार गिराया था। फरवरी के महीने में इस्राइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने हिजबुल्लाह के अल-हज्ज राडवान फोर्स के सेंट्रल कमांडर अली मुहम्मद अल-डैब्स को मार गिराया था। अली मुहम्मद अल-डैब्स उत्तरी इस्राइल में मेगिद्दो जंक्शन पर हुए हमले में शामिल था। इसके बाद जून के महीने में भी इस्राइल ने हिजबुल्लाह के एक अन्य कमांडर सामी अब्दुल्ला को भी ढेर किया था। इस्राइल पर ताजा हमला करने के बाद हिजबुल्लाह ने एक बयान जारी करते हुए कहा, ‘हमारे कमांडर की मौत के जवाब में हमने गोलान हाईट्स स्थित इस्राइल के पांच सैन्य ठिकानों पर 200 रॉकेट से हमला किया है।’ आपको बता दें कि हिजबुल्लाह, लेबनान का एक अर्द्धसैनिक संगठन है। 

हिजबुल्ला और इस्राइल के बीच हमले बढ़े

गौरतलब है कि ईरान समर्थित हिजबुल्ला, इस्राइल और हमास के बीच युद्ध शुरू होने के बाद से ही इस्राइल पर लगातार हमले कर रहा है। इस्राइल ने भी इन हमलों का जवाब दिया है। हालांकि बीते कुछ दिनों से दोनों तरफ से हमले बढ़े हैं। दरअसल इस्राइल के हमले में हिजबुल्ला के एक शीर्ष कमांडर की मौत के बाद हिजबुल्लाह ने भी जवाबी कार्रवाई में इस्राइल पर बड़ी संख्या में रॉकेट और मिसाइलें दागीं। इस्राइल ने संकेत दिए हैं कि हमास के खिलाफ अभियान समाप्त होने के बाद वह लेबनान में हिजबुल्ला के खिलाफ कार्रवाई करेगा। कई जानकारों का मानना है कि अगर हिजबुल्ला, इस्राइल पर हमला करता है कि क्षेत्र के अन्य विद्रोही संगठन भी उसके साथ आ सकते हैं। यूरोप को डर है कि अगर ऐसा हुआ तो इससे शरणार्थी समस्या बढ़ेगी और बड़ी संख्या में लोग शरण के लिए यूरोपीय देशों का रुख कर सकते हैं। ऐसे में यूरोपीय देश और अमेरिका हालात को सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं।