शिमला । अवैध रूप से भारत पहुंच रहे ईरान के सेब ने हिमाचली सेब के दाम गिरा दिए हैं। विदेशी सेब सस्ता होने के कारण हिमाचल को अच्छे दाम नहीं मिल पा रहे हैं। हालात यह है कि जुलाई-अगस्त में सीजन के दौरान जो सेब 2000 रुपये बॉक्स बिका था, वह सेब कोल्ड स्टोर से निकालने के बाद अब 1500 रुपये पेटी बिक रहा है। दाम गिरने से बागवानों को प्रति पेटी करीब 800 रुपये का नुकसान हो रहा है। बता दें कि सेब को स्टोर रखने का करीब 300 रुपये प्रति बॉक्स खर्च देना पड़ता है। हर साल हिमाचल का करीब एक करोड़ पेटी सेब स्टोर होता है। ईरानी सेब अफगानिस्तान के रास्ते अवैध रूप से भारत पहुंच रहा है। साफ्ता (साउथ एशियन फ्री ट्रेड एरिया) के चलते बिना शुल्क चुकाए ईरानी सेब भारत पहुंच रहा है। खर्चा कम होने के कारण यह सस्ता है। जानकारी के मुताबिक ईरानी सेब का एक बॉक्स 1,000 से 1,200 रुपये में बिक रहा है। सस्ता होने के कारण हिमाचली सेब को उचित दाम नहीं मिल रहे। दिल्ली की आजादपुर मंडी में रोज ईरानी सेब के 15 से 20 एसी कंटेनर पहुंच रहे हैं। दक्षिण भारत की मंडियों में भी ईरानी सेब की आमद बहुत अधिक है। खरीदारों को ईरानी सेब सस्ता मिल रहा है। हालांकि, मंडियों में निजी कंपनियों के प्रीमियम सेब को अच्छे दाम मिल रहे हैं। अदाणी, बीजा, देवभूमि सहित अन्य कंपनियों ने सीजन में बागवानों से प्रीमियम सेब की किलो के हिसाब से खरीद की थी। अब सेब के अच्छे दाम मिल रहे हैं। बिना आयात शुल्क चुकाए अवैध रूप से कम खर्चे में ईरानी सेब भारत पहुंच रहा है। ईरानी सेब का अवैध आयात बंद करने की मांग केंद्र सरकार से पहले भी कई बार की है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यूरोपियन देशों में ईरानी सेब प्रतिबंधित है।