तेल अवीव। इजराइल ने फिलिस्तीन को खाली कराने की जो रणनीति बनाई थी उसमें वह सफल नहीं हो पाया है। उसकी चाल नाकाम हो गई है। हालांकि इजराइल ने हमास से जारी जंग में किसी भी तरह के युद्ध विराम से इनकार कर दिया है। इसकी वजह से गाजा से बाहर निकलने के सारे रास्ते बंद हो चुके हैं। यूएन और कुछ दूसरे देश सीजफायर की मांग कर रहे हैं, ताकि गाजा पट्टी तक मानवीय मदद पहुंचाई जा सके। कई दिनों तक चली बहस और बाइडेन के इजराइल दौरे के बाद राफा क्रॉसिंग खुल गई। इस बॉर्डर को पार करके विदेशी नागरिक भी गाजा से इजिप्ट जा सकते हैं, जिससे भगदड़ मचने की भी आशंका है। फिलहाल इस रास्ते से सिर्फ 200 ट्रकों के जरिए बमबारी में बेघर हुए लोगों तक मदद पहुंचाई जाएगी।
राहत सामग्री से भरे कई ट्रक गाजा पहुंचने लगे हैं। इजराइली सेना यहां बमबारी कर रही है। इसके चलते राहत सामग्री गाजा तक नहीं पहुंच पा रही है। गाजा पट्टी तक आने और जाने का सिर्फ एक ही रास्ता है, जिसे राफा क्रॉसिंग कहा जाता है। इस पर इजराइल का कंट्रोल नहीं है।
इस बीच दोनों पक्षों में सीजफायर करवाने के लिए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी की अगुआई में एक सम्मेलन किया जा रहा है। इसमें कतर, यूएई, इटली, स्पेन, ग्रीस, कनाडा और यूरोपियन काउंसिल सहित 10 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि मौजूद हैं। समिट में फिलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि कोई भी चुनौती हो, हम अपनी जमीन छोडक़र कहीं और नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि इजराइल ने स्कूल, अस्पतालों से लेकर औरतों और बच्चों पर बम दागे हैं। इन्होंने हर तरह के मानवीय कानून का उल्लंघन किया है। इससे पहले जॉर्डन के किंग अब्दुल्लाह द्वितीय ने फिलस्तीनियों की मौत पर पश्चिमी देशों की चुप्पी की निंदा की। उन्होंने कहा कि फिलस्तीनियों को बेघर करना पूरी अरब दुनिया के लिए चिंता की बात है। इधर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी ने ऐलान किया कि गाजा के लोगों की मदद के लिए मिस्र की राफा क्रॉसिंग अब खुली रहेगी। इजिप्ट और गाजा के बीच की राफा क्रॉसिंग से फिलस्तीनियों को जरूरी सामान पहुंचाने का सिलसिला शुरू हो गया है। अब तक 20 ट्रक जरूरी सामान लेकर गाजा पहुंच गए हैं।
दूसरी तरफ, इजराइल ने मिस्र, जॉर्डन और मोरक्को सहित मुस्लिम देशों में मौजूद अपने नागरिकों को जल्द से जल्द देश छोडऩे को कहा है। साथ ही इजराइलियों को इन देशों में न जाने की भी सलाह दी गई है। इजराइल की नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने आशंका जताई है कि इन देशों में जंग की वजह से नाराज लोग इजराइलियों को अपना निशाना बना सकते हैं।