भोपाल  ।    पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि वे राज्यसभा की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उन्होंने आयकर विभाग पर केंद्र सरकार के दबाव में काम करने की भी बात कही।  मध्य प्रदेश की पांच राज्यसभा सीटों के लिए चुनाव होने जा रहे हैं। कांग्रेस की तरफ से राज्यसभा के कई प्रत्याशियों के नाम चर्चा में हैं। इसमें पीसीसी चीफ जीतू पटवारी का भी नाम शामिल है। सोमवार को मीडिया के सवाल पर पटवारी ने कहा कि वे राज्यसभा सदस्य की दौड़ में शामिल नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वे एक व्यक्ति एक पद की गरिमा पर कायम हैं और रहेंगे।  पटवारी ने कांग्रेस नेताओं को आयकर की तरफ से नोटिस मिलने पर कहा कि कांग्रेस पार्टी के देश एवं प्रदेश के सैकड़ों नेताओं व कार्यकर्ताओं को समन जारी किए जाने की खबरें सामने आ रही हैं। आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस नेताओं पर की जा रही यह कार्यवाही केंद्र सरकार के इशारे पर आयकर विभाग द्वारा केवल दबाव डालने और राजनैतिक उद्देश्यों से प्रेरित होकर की जा रही है। जब-जब चुनाव आते हैं सत्ता में बैठी भाजपा का यह घिनौना कृत्य करने का तरीका सामने आने लगता है। 

पटवारी ने कहा कि इससे पूर्व भी 2019 में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले ऐसी ही कार्यवाही राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार के दबाव में आयकर विभाग द्वारा कांग्रेस नेताओं पर की गई थी, अवैधानिक तरीके से छापे मारी की गई थी, इस कार्यवाही को लेकर न्यायालय में भी चुनौती दी गई थी जो आज भी लंबित है। आयकर विभाग इस न्यायालयीन प्रक्रिया में न्यायालय के समक्ष दस्तावेज तक पेश नहीं कर सकी। इसी तरह अब 2024 में भी निकट भविष्य में लोकसभा चुनाव होना है तो फिर आयकर विभाग ने केंद्र सरकार के इशारे पर उसी तरह की कार्यवाही को दोहराना शुरू कर दिया है। वहीं, प्रदेश सरकार द्वारा किसानों, महिलाओं के साथ किए जा रहे धोखे पर कहा कि किसानों को 2700 और 3100 रुपये धान एवं गेहूं पर समर्थन मूल्य दे सरकार। वहीं, महिलाओं को 3000 रुपये और 450 रुपये में सिलिंडर देने की, जो राज्य सरकार ने अपने घोषणा पत्र में बात कही भी, उस पर भी सरकार अमल करे।