नई दिल्ली । टीचर करण सांगवान अपने बयान पर अब भी कायम है, उन्होंने कहा है ‎कि उनका ‎किसी भी राजनी‎तिक दल से कोई संबंध नहीं है। ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म अनअकेडमी द्वारा नौकरी से निकाले गए टीचर करण सांगवान ने स्पष्ट कहा है कि वह अपने उस बयान पर कायम हैं, जिसमें उन्होंने छात्रों से अच्छे शिक्षित नेताओं को वोट देने के लिए कहा था। सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी का एक वीडियो क्लिप वायरल होने के बाद विवादों में आए सांगवान ने मी‎डिया से बात करते हुए कहा कि वह यूट्यूब पर मुफ्त में पढ़ाना जारी रखेंगे। सांगवान ने बताया ‎कि मुझे नहीं पता था कि वीडियो क्लिप को वायरल किया जाएगा और गलत तरीके से पेश किया जाएगा। जिस तरह से इसे सोशल मीडिया पर शेयर किया है, उसमें मुझे गलत बताया गया।
गौरतलब है कि वायरल हुई वीडियो क्लिप में करण सांगवान देश में आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए सरकार द्वारा लाए गए हालिया बिलों पर चर्चा करते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसमें वह कह रहे हैं ‎कि मुझे समझ नहीं आ रहा है कि मैं रोऊं या हंसूं। क्योंकि मेरे पास भी मेरे बेयर एक्ट्स हैं, बहुत सारे केस लोड हैं, बहुत सारे नोट्स हमने भी बनाए थे। बहुत मेहनत करते है। आप लोगों को भी काम मिल गया। एक चीज याद रखना। अगली बार जब भी अपना वोट दो, किसी पढ़े-लिखे इंसान को अपना वोट देना। ताकि ये सबकुछ जीवन में दोबारा न झेलना पड़ा। ऐसे इंसान को चुनें जो पढ़ा-लिखा हो, जो समझ सके चीजों को। सिर्फ ऐसे इंसान को न चुनें, जिनको सिर्फ बदलना आता हो, नाम चेंज करना आता हो। तो अपना फैसला सही से लें।
इस बयान पर सांगवान ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मैंने एक सामान्य बयान दिया है। मैं लोगों को सही तरीके से मार्गदर्शन कर सकता हूं। मैं शिक्षित लोग चाहता हूं। शिक्षा वह नहीं है जो लोग क्लास में पढ़ते हैं। मैंने अपनी क्लास में जो सीखा है, वही पढ़ा रहा हूं। अनअकेडमी के साथ कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बारे में पूछे जाने पर सांगवान ने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म ने अपने समझौते में उल्लेख किया है कि कोई राजनीतिक बयान नहीं हो सकता है, लेकिन राजनीतिक बयान क्या है इसकी कोई परिभाषा नहीं है। मैंने किसी नाम या पार्टी का जिक्र नहीं किया। एक ईमेल में, उन्होंने (अनएकेडमी ने) मुझे एक ट्वीट भेजा। उन्होंने उल्लेख किया कि उनकी गुडविल खराब हुई है।