नई दिल्ली: देश में गोल्ड सिर्फ एक निवेश की अच्छा विकल्प नहीं है। सोना भारत में एक इमोशन है जो परिवारों को जोड़ता है। सोने का पूरा आभूषण हो या फिर प्योर गोल्ड के टुकड़े, ये पारिवारिक विरासत माना जाते हैं।

विशेषज्ञों की मानें तो सोने के डिजाइन को बेहतर बनाने और इसकी लंबी उम्र और मजबूती को बढ़ाने के लिए इसे बदलते रहना चाहिए। बात जब गोल्ड की हो तो आपको इसे बदलते वक्त कुछ खास बातों का ध्यान देना चाहिए। आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं कि आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

गोल्ड के ऑरिजनल बिल और प्रमाण पत्र ले जाएं

जब भी आप गोल्ड को बदलने जाएं तो जहां तक संभव हो वहां तक उस सोने की ऑरिजनल बिल और सर्टिफिकेट लेकर जाएं ताकि आपको वजन और शुद्धता निर्धारित करने में मदद मिल सके। सभी बिल का रिकॉर्ड रखने से न केवल सोने की वैधता में वजन बढ़ता है, बल्कि यह उसके वजन पर नियंत्रण रखने में भी मदद करता है।

विश्वसनीय जौहरी के पास से बदले गोल्ड

गोल्ड बदलते वक्त बहुत जरूरी है कि आप एक ऐसे जौहरी को चुने जिसकी विश्वसनीय पहचाना हो। हॉलमार्क वाले गहनों की जांच करें, जो आपको हाई रिसेल वैल्यू देता है।

कुछ ज्वैलर्स के पास सोने और हीरे के आभूषणों के आदान-प्रदान के संबंध में अलग-अलग नीतियां होती हैं। आप अपने सोने की अदला-बदली तय करने से पहले बाजार का ट्रेंड भी जरूर चेक कर लें। सोना बदलने से पहले आप इस बात का भी ध्यान रखें की वर्तमान में सोने की क्या कीमत है।

तौल पैमाने पर आभूषणों का कुल वजन और शुद्ध वजन जांचें

सोने के किस टुकड़े को बदलना है यह तय करने से पहले आप उस टुकड़े को चुने जिसकी आपको ज्यादा जरूरत ना हो। गोल्ड की अदला-बदली करने से पहले, सोने को ट्रेड करना अच्छा माना जाता है जिससे आपको अधिक कीमत मिलती है।

जब भी गोल्ड की बदली करें उस वक्त तौल पैमाने पर आभूषणों का कुल वजन और शुद्ध वजन की जांच जरूर करें ताकि बदले के बाद आपको वजन में किसी प्रकार की परेशानी का सामना ना करना पड़े।

पुराने गोल्ड के बदले हॉलमार्क ज्वैलरी लें

चाहे आप गोल्ड ज्वैलरी खरीद रहे हों या फिर उसकी बदली कर रहे हैं आप अब हमेंशा एक हॉलमार्क वाली गोल्ड की ज्वैलरी ही लें जो शुद्धता की पहचान होता है। गोल्ड की खरीद और बिक्री को आसान और कम तनावपूर्ण बनाने के लिए, कानून के अनुसार अब यह जरूरी है कि प्रत्येक सोने की वस्तु पर उसके कार्टेज की स्पष्ट मुहर लगी हो।