सनातन धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता के मुताबिक वर्ष में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. जिसमें एक चैत्र नवरात्रि तो दूसरा शारदीय नवरात्रि इसके अलावा दो गुप्त नवरात्रि का पर्व सनातन धर्म में मनाया जाता है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा आराधना करने का विधान है. साथ ही जीवन में सुख और शांति के लिए व्रत किया जाता है. मान्यता के अनुसार नवरात्रियों में जिसमें सवार होकर मां दुर्गा आती है, उसका अलग ही महत्व होता है. तो चलिए इस बार जानते हैं. माता रानी की सवारी क्या होगी और क्या इसके संकेत हैं.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि इस वर्ष चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो रही है. जिसका समापन 17 अप्रैल को होगा. ज्योतिषीय गणना के मुताबिक इस वर्ष नवरात्रि में माता का आगमन घोड़े पर होगा. मां दुर्गा के वाहन को इस बार शुभ नहीं माना जा रहा है. धार्मिक ग्रंथो के मुताबिक जब भी माता रानी घोड़े पर सवार होकर आती है. इसे अशुभ माना जाता है. इसका संकेत है कि युद्ध की स्थिति पैदा होगी. प्राकृतिक आपदा आने की संभावना है. कई चीजों में बदलाव देखने को मिल सकता है.

जानिए क्या है घट स्थापना का मुहूर्त

ज्योतिषीय गणना के मुताबिक चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल को हो रही है. जिसमें घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात काल 6ः00 बजे से लेकर 10ः16 तक रहेगा. इसके अलावा 11ः57 से लेकर दोपहर 12ः48 के मध्य अभिजीत मुहूर्त में भी घट स्थापना की जा सकेगी.