मध्य प्रदेश में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है तब से लेकर आज तक अर्थात लगभग 20 वर्ष के अंतराल में जिस तरह से मध्य प्रदेश को बीमारू राज्य से लेकर सुचारू राज की संज्ञा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी है, उस क्रम में सबसे बड़ी ऐतिहासिक सफलता एवं राष्ट्रीय स्तर पर महिला सशक्तिकरण से लेकर महिला कल्याण योजना में प्रदेश नंबर 1 रहा है । मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों के अंतराल में सर्वाधिक योजनाएं महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई सामने आई है । जिसका सीधा-सीधा लाभ हितग्राही को प्राप्त हुआ है ।
पिछले 20 वर्ष के अंदर मध्य प्रदेश में महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई योजनाओं में प्रारंभिक रूप से मुख्यमंत्री कन्यादान योजना , लाड़ली लक्ष्मी योजना , मुख्यमंत्री विवाह योजना , एवं लाडली बहना योजना के अतिरिक्त मध्य प्रदेश में वर्ष 2022-23 में महिलाओं के लिए नौकरी में 30% तक आरक्षण देने की योजना शामिल रही । इन सभी योजनाओं के कारण ही मध्य प्रदेश को देश में महिला कल्याण योजना के अंतर्गत पहला स्थान प्राप्त हुआ एवं अन्य कई प्रदेश जिसमें दिल्ली उत्तर प्रदेश एवं हिमाचल शामिल है उन्होंने मध्य प्रदेश की योजनाओं को नवीन रूप में अपने प्रदेश में क्रियान्वित भी किया ।

महिला कल्याण के लिए समर्पित करोड़ों की योजनाएं । 

मध्य प्रदेश में पिछले 20 वर्षों का इतिहास देखें तो सबसे अधिक मध्य प्रदेश सरकार का बजट महिला कल्याण एवं सशक्तिकरण से जुड़ी हुई योजनाओं में सीधे हितकारी को लाभ देने के उद्देश्य से खर्च किया गया है । जिसमें सबसे बड़ी योजना पिछले 6 महीने पूर्व प्रारंभ की गई लाडली बहन योजना है । देश के इतिहास में इसे पहली ऐसी योजना माना जा सकता है जिसका सीधा-सीधा लाभ हितग्राही महिलाओं को उनके खाते में पहले 1000 और बाद में 1250 रुपए के रूप में प्राप्त हुआ है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह सबसे बड़ी एवं महत्वाकांक्षी योजना कही जाती है । इस योजना के अंतर्गत एक करोड़ 31 लाख से अधिक महिलाओं को उनके खाते में 6800 करोड़ से अधिक की राशि प्राप्त हुई है ।
वहीं दूसरी ओर प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक और महत्वाकांक्षी योजना जो वर्ष 2014 से प्रारंभ हुई, वह मुख्यमंत्री लाड़ली लक्ष्मी योजना के रूप में देश में ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रही । लाड़ली लक्ष्मी योजना को कई राज्यों ने नवीन सिरे से लागू किया था, जिसमें तत्कालीन समय में विपक्षी राज्य उत्तर प्रदेश एवं दिल्ली भी शामिल रहा । इस योजना में 46 लाख से अधिक बेटियों को इस परिवार में शामिल किया गया एवं 13 लाख 30000 से अधिक लाड़ली लक्ष्मियों को 46 लाख करोड़ की छात्रवृत्ति दी गई ।
इसी तरह मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की बात की जाए तो मध्य प्रदेश में इस योजना के अंतर्गत 6 लाख 31 हजार बेटियों को 1638 करोड़ से अधिक का लाभ प्राप्त हुआ । इस योजना में हिंदू एवं मुस्लिम बेटियों का भी निकाह एवं विवाह का कार्यक्रम मुख्यमंत्री के द्वारा महिला बाल विकास विभाग एवं अन्य विभागों के माध्यम से प्रत्यक्ष रूप से किया गया । इन योजनाओं की लाभकारी महिलाएं आज भी प्रदेश के मुख्यमंत्री को अपना मामा कहती हैं ।

महिला स्व सहायता समूह ने बदली ग्रामीण स्वरोजगार की तस्वीर । 

मध्य प्रदेश में पिछले 15 वर्षों के अंतराल में जिस तरह से महिला स्वास्थ सहायता समूह का विकास हुआ, इतना बड़ा स्व सहायता समूह का विकास राष्ट्रीय स्तर पर संभवतः किसी भी राज्य में नहीं किया गया है । मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले 5 साल के अंतराल में महिला स्वास्थ्य सहायता समूह के माध्यम से कई तरह की योजनाओं का संचालन करना प्रारंभ किया है। महिला स्व सहायता समूह आज मध्य प्रदेश के कई तहसील स्तर के प्राथमिक उपभोक्ता सेवा केद्रों पर अपना महत्वपूर्ण योगदान निभा रही है । मध्य प्रदेश में 54 लाख से अधिक महिलाएं इन महिला सहायता समूह के माध्यम से 6000 करोड़ से अधिक की राशि का क्रेडिट का कार्य कर रही है । ग्रामीण स्तर पर महिला स्व सहायता समूह स्वरोजगार से जुड़े होने के साथ-साथ कई तरह के ऐसे कार्यक्रमों का संचालन भी कर रही है जिससे लाखों महिलाएं ग्रामीण स्तर पर एक बड़े समूह एवं संसार के रूप में अपने आप को विकसित कर चुकी है ।

 सरकारी भर्ती में 35% आरक्षण वाला पहला राज्य बना मध्य प्रदेश । 
मध्य प्रदेश में महिला सशक्तिकरण की योजनाओं में सबसे बड़ी सफलता एवं इस दिशा में क्रांति कार्यक्रम प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उठाते हुए हाल ही में मध्य प्रदेश के अंदर शासकीय सेवा में भर्ती के क्रम में महिलाओं को 35% आरक्षण देकर मध्य प्रदेश का नाम देश के इतिहास में सबसे ऊपर कर दिया है । सामाजिक न्याय मंत्रालय केंद्र सरकार की रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश पहले ऐसा राज्य जहां पर 35% आरक्षण महिलाओं को नौकरी में दिया जा रहा है ‌। इसकी अतिरिक्त नगरीय निकाय चुनाव एवं विधानसभा चुनाव में केंद्र सरकार की मंशा के अनुसार पूर्व से ही 50% आरक्षण का निर्वाह हो रहा है । मध्य प्रदेश में महिलाओं को 35% नौकरी में आरक्षण एवं शिक्षा विभाग के अंतर्गत नौकरी में 50% तक आरक्षण देने के कारण अब मध्य प्रदेश में महिलाओं की नौकरी में आने एवं शासकीय सेवा में कार्य करने की एक नवीन तस्वीर सामने आ चुकी है ‌।