कोलकाता । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस के राज्य के सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति किए जाने के निर्णय की ममता सरकार ने आलोचना की है. शिक्षामंत्री ब्रत्य बसु ने  राजभवन पर ‘तानाशाही पूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस कदम से विश्वविद्यालय प्रणाली ‘नष्ट हो सकती है. मंत्री ने यह भी कहा कि राज्यपाल का कदम ‘‘राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयक का उल्लंघन है, जो कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल और राज्य सरकार की विश्वविद्यालयों में भूमिका और कार्यों से संबंधित है. राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल ने रविवार रात को सात विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति की जिनमें प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय, मौलाना अबुल कलाम आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ बर्द्धवान भी शामिल हैं. बसु ने यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘राज्यपाल के हालिया कदम का उद्देश्य उच्च शिक्षा प्रणाली को नष्ट करना है. वह संबंधित राज्य विश्वविद्यालयों की कानूनी स्थिति को नष्ट कर रहे हैं. ऐसी नियुक्तियां बिना किसी से सलाह के की गई हैं. वह तानाशाही पूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल कानून के तहत राज्य विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं लेकिन वह सीमा का उल्लंघन नहीं कर सकते. हम राज्यपाल की ऐसी कार्रवाई पर मूकदर्शक नहीं बने रहेंगे.
राज्य विश्वविद्यालयों के पूर्व कुलपतियों सहित शिक्षाविदों के एक समूह ने राज्यपाल द्वारा कई विश्वविद्यालयों में अंतरिम कुलपतियों की नियुक्ति को ‘मनमाना और अवैध बताया.
शिक्षाविदों के एक मंच ने यह भी कहा कि ऐसी नियुक्तियों से राज्य की उच्च शिक्षा प्रणाली को कोई लाभ नहीं होगा. 
प्रोफेसर राजकुमार कोठारी को पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है, जबकि न्यायमूर्ति सुभ्राकमल मुखर्जी को प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति बनाया गया है. उनके पास रबींद्र भारती विश्वविद्यालय का अंतरिम प्रभार भी है.
प्रोफेसर देबब्रत बसु को उत्तर बंग कृषि विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है, जबकि प्रोफेसर तपन चंदा को मौलाना अबुल कमाल आजाद यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी का अंतरिम कुलपति बनाया गया है.
प्रोफेसर गौतम चक्रवर्ती को बर्द्धवान विश्वविद्यालय का प्रभार दिया गया है और प्रोफेसर इंद्रजीत लाहिड़ी को नेताजी सुभाष ओपन यूनिवर्सिटी का अंतरिम कुलपति बनाया गया है. प्रोफेसर श्याम सुंदर दाना को पश्चिम बंगाल पशु एवं मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय का अंतरिम कुलपति नियुक्त किया गया है.
सूत्रों ने बताया कि नौ अन्य विश्वविद्यालयों के अंतरिम कुलपतियों के नाम भी तय कर लिए गए हैं और उन्हें ‘‘जल्द ही नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे.