पुणे। पुणे सिटी पुलिस ने पुणे और दिल्ली में दो दिनों तक चली रेड में 1,100 किलोग्राम मेफेड्रोन ड्रग्स जब्त की है। इसकी कीमत 2,500 करोड़ रुपए से ज्यादा बताई जा रही है। लोकल भाषा में मेफेड्रोन को म्याऊं म्याऊं भी कहते हैं। पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। महाराष्ट्र में पुणे पुलिस का यह अब तक का सबसे बड़ा ड्रग भंडाफोड़ है और भारत में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में से एक है। पुलिस के मुताबिक, क्राइम ब्रांच ने पुणे के भैरवनगर और विश्रांतवाड़ी इलाकों में रेड के दौरान तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया था। उनके पास से 1.75 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त हुई, जिनकी कीमत करीब 3.5 करोड़ रुपए आंकी गई। नमक के गोदाम में नशीली दवाओं की तस्करी का काम किया जा रहा था।
मेफेड्रोन की एक और बड़ी खेप पुणे के कुरकुंभ एमआईडीसी इलाके में भी रखी गई थी। पुलिस ने यहां से 650 किलो से ज्यादा ड्रग्स और कच्चा माल जब्त किया। ड्रग तस्करों से पूछताछ के बाद पुणे पुलिस की एक टीम ने दिल्ली के हौज खास इलाके में रेड की। दिल्ली के गोदाम में 400 किलोग्राम ड्रग्स बरामद हुई। आशंका है कि ड्रग्स को कुरकुंभ एमआईडीसी से नई दिल्ली ले जाया जा रहा था। पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार ने बताया कि अब तक पांच लोगों को पकड़ा गया है, जिनमें तीन कूरियर बॉय और दो अन्य शामिल हैं। तीनों कूरियर बॉय के खिलाफ पहले से केस दर्ज हैं। एक शख्स की पहचान अनिल साबले के रूप में हुई है। अनिल साबले एक फैक्ट्री का मालिक है, जहां ड्रग्स रखी गई थी। पुलिस ने साबले को महाराष्ट्र के ठाणे के डोंबिवली से पकड़ा है। पुलिस को कुख्यात ड्रग तस्कर ललित पाटिल से आरोपियों के जुड़े होने का शक है। मामले में पाटिल की संलिप्तता को लेकर जांच जारी है। ड्रग तस्करी के नेटवर्क में अंतरराष्ट्रीय तस्करों के शामिल होने का भी शक है। रेड अभी भी जारी है। पुणे पुलिस और दिल्ली पुलिस जॉइंट ऑपरेशन के तहत कार्रवाई कर रही है। ड्रग्स की कीमत 3,000 करोड़ रुपए से अधिक होने की आशंका है।