पटना/भोपाल ।   बिहार की राजधानी पटना में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने गुरुवार को कहा कि माता सीता की जन्मस्थली बिहार आकर मैं स्वयं को सौभाग्यशाली मानता हूं। ऐसी पवित्र धरती को मैं प्रणाम करता हूं। यह भगवान महावीर स्वामी जी की धरती है, जिससे बिहार की पहचान है। साथ ही सम्राट अशोक की भी धरती है। सम्राट अशोक का मध्य प्रदेश के उज्जैन से खासतौर पर अलग तरह का रिश्ता रहा है। हजारों साल से मध्य प्रदेश और बिहार का रिश्ता है। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा-दीक्षा भी उज्जैन में हुई। ये बातें मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने पटना में श्री कृष्ण चेतना विचार मंच द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में कहीं। इसमें विभिन्न संगठनों द्वारा डा. मोहन यादव को पुष्पगुच्छ, शाल व अभिनंदन पत्र भेंट कर और मुकुट पहनाकर स्वागत किया गया।

डा. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री का दायित्व संभालने के बाद उन्होंने आम जनता के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का संकल्प लिया है। नागरिकों के लिए विभिन्न सुविधाओं का विकास कर उनके जीवन को सहज, सरल बनाने के साथ ही दूसरी महत्वपूर्ण प्राथमिकता उन महापुरुषों के योगदान से नई पीढ़ी को अवगत करवाने का कार्य भी करना है, जिससे भारतीय समाज को संस्कार मिले। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण के प्रसंगों को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने की पहल के साथ ही नई शिक्षा नीति में सनातन संस्कृति का पाठ्यक्रमों में समावेश हमारा संकल्प है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में जहां-जहां भगवान श्रीकृष्ण के चरण पड़े हैं, उन स्थानों को तीर्थ स्थान के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

भाजपा प्रदेश मुख्यालय भी पहुंचे मुख्यमंत्री

डा. मोहन यादव ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में कार्यकर्ताओं एवं नेताओं से मुलाकात की। भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में क्षमता की कोई कमी नहीं है लेकिन नेतृत्व की कमी के कारण चार दशक से यह प्रदेश एक ही जगह खड़ा है। देश में पांच बीमारू राज्य थे, चार राज्य आगे निकल गए। बिहार आकर ऐसा लग रहा है कि घर आया हूं।

भाजपा आज विश्व की सबसे बड़ी पार्टी है। यहां के कार्यकर्ताओं को ऐसा प्रशिक्षण, शिक्षण मिलता है जहां राष्ट्रभक्त के रूप में लोकतंत्र को मजबूत करने वाले नेता तैयार होते हैं। भाजपा एक ऐसी पार्टी है जहां छोटे छोटे कार्यकर्ता भी कब पीएम एवं सीएम बन जाए कोई नहीं जानता। उन्होंने बिहार की तारीफ करते हुए कहा कि हम सभी जानते हैं कि दो से तीन हजार साल पहले इस प्रदेश ने ही लोकतंत्र का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया। आपातकाल के दौरान भी बिहार ने संघर्ष का शंखनाद कर देश में उदाहरण पेश किया। कई राज्य भले औद्योगिक क्षेत्र में आगे बढ़े हों, लेकिन उस कारखाने की दीवारें भी बिहार के लोगों के पसीने से ही सुगंधित होती हैं। सभी राज्यों में बिहार के ही सबसे ज्यादा आइएएस एवं आइपीएस हैं। इससे पहले बिहार प्रदेश कार्यालय पहुंचने पर प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने पुष्पगुच्छ और अंग वस्त्र देकर उनका स्वागत किया। मंच पर भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, पूर्व मंत्री रामकृपाल यादव, नंद किशोर यादव, नवल किशोर यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे। शाम को डा. यादव इस्कान मंदिर गए।