भोपाल। सरकारी अस्पतालों में पर्चा बनवाने के लिए रोगी या स्वजन को कतार लगाने से धीरे-धीरे मुक्ति मिल जाएगी। जिन रोगियों का आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (आभा) कार्ड बना है उन्हें अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर से अस्पताल में लगा क्यूआर कोड स्कैन करते ही संबंधित अस्पताल के पंजीयन काउंटर पर उसका नाम, पता सहित अन्य जानकारी पहुंच जाएगी।

पंजीयन आइडी बताने पर पर्चा मिलेगा
रोगी को काउंटर पर अपनी पंजीयन आइडी बताने पर पर्चा मिल जाएगा। इसकी शुरुआत भोपाल के जेपी अस्पताल से होने जा रही है। अच्छी बात यह है कि आभा कार्ड बनाने के मामले में आंध्र प्रदेश के बाद मप्र दूसरे नंबर पर है, तीसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश और चौथे पर गुजरात है। प्रदेश में चार करोड़ एक लाख लोगों का आभा कार्ड बन चुका है।

48 प्रतिशत लोगों के कार्ड बन गए
प्रदेश की जनसंख्या साढ़े आठ करोड़ है। इस मान से प्रदेश में 48 प्रतिशत लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं। आयुष्मान भारत योजना के सभी हितग्राहियों के कार्ड बन गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अस्पतालों में निश्शुल्क कार्ड बनाए जा रहे हैं। कार्ड बनवाते समय आधार नंबर और इससे जुड़ा मोबाइल साथ रखने की आवश्यकता है।

रोगी की पूरी डिजिटल जांच रिपोर्ट
आभा कार्ड का सबसे बड़ा लाभ यह है कि रोगी की पूरी डिजिटल जांच रिपोर्ट उसकी आभा आइडी के साथ संबद्ध कर दी जाएगी, जिसे वह कभी भी उपयोग कर सकेगा। रोगी दूसरे अस्पताल रेफर किया जाता है तो उसका डिजिटल रिकार्ड आसानी से भेजा जा सकेगा।