बुरहानपुर ।   सोमवार को नवमी पर बालाजी महाराज की रथयात्रा छोटे रथ में मंदिर से निकलकर पांडुमल चौराहा, गांधी चौक, फव्वारा चौक, किला रोड, राजघाट रोड से कृष्णा हार्डवेयर होते हुए मंदिर लौटी। नवमी पर बालाजी महाराज अपने मुख्य वाहन गरुड़ पर विराजमान होकर भक्तों को दर्शन देने निकले। मंगलवार को विजयादशमी पर बालाजी महाराज की रथयात्रा शाम छह बजे बड़े रथ में मंदिर से निकलेगी। यात्रा पांडुमल चौराहा, गांधी चौक, फव्वारा चौक, शनि मंदिर, पांडुमल चौराहा होते हुए मंदिर लौटेगी। शनि मंदिर में एक भक्त के निवास पर श्री जी का शमी पूजन किया जाएगा। बड़े बालाजी मंदिर संस्थान के पुजारी चंदू महाराज के कहा कि दशहरे के दिन शमी के पत्तों का विशेष महत्व होता है। इसलिए इस दिन श्रीजी का शमी पूजन होता है। भक्त शमी पत्तों को बालाजी महाराज को भेंट करते हैं।

22 फीट ऊंचा और 300 वर्ष पुराना है बड़ा रथ

मंदिर समिति के आशीष भगत ने बताया कि वर्षभर में केवल एक दिन ही बालाजी महाराज बड़े रथ पर विराजमान होकर निकलते हैं। इस रथ की ऊंचाई लगभग 22 फीट है। यह रथ लगभग 300 वर्ष पुराना है। इसकी आवश्यकतानुसार मरम्मत कराई जाती है और हर वर्ष इस रथ के पहियों के लोहे के पट्टों को बदला जाता है। बड़े रथ का एक पहिया 300 किलो का है। रथयात्रा में पुलिस बल के साथ साथ केबल व सर्विस तारों के लिए विद्युत मंडल के कर्मचारी भी रथ के ऊपर व नीचे मौजूद रहेंगे।