भोपाल । लोकसभा चुनाव की घोषणा हो गई है। भाजपा दल-बल के साथ मैदान में उतर गई है। वहीं मप्र में अभी कांग्रेस संगठन का गठन ही नहीं हो पाया है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने अपनी टीम के गठन की कवायद शुरू कर दी है और वे नई टीम के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे। प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी संभालने के बाद से अब तक उन्होंने अपनी नई टीम का ऐलान नहीं किया है। लेकिन इस बीच जीतू पटवारी ने अपनी नई टीम बनाने के लिए अहम संकेत दिए हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी अपनी नई टीम को लेकर कई बार कह चुके हैं कि कार्यकारिणी तैयार कर ली गई है और स्वीकृति के लिए एआईसीसी को सूची भेजी गई है। सूत्रों की माने तो पीसीसी द्वारा भेजी गई सूची में 68 नाम हैं। इसमें बड़े नेताओं के समर्थकों के साथ ही जातिय समीकरण का ध्यान भी रखा गया है। हालांकि अभी तक इस सूची को हरी झंडी नहीं मिल सकी है।
भले ही अब तक जीतू पटवारी ने अब तक अपनी टीम का ऐलान नहीं किया है। लेकिन उन्होंने नई टीम को लेकर कुछ अहम संकेत दिए हैं। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस कमेटी की टीम में उन नेताओं को मौका दिया जाएगा जो काम करेंगे। इसके अलावा पार्टी ने अनुशासन भी बनाना बहुत जरूरी है, इसलिए अब हर कार्यकर्ता और नेता को अनुशासन में रहना बहुत जरूरी है। माना जा रहा है कि इस महीने के आखिर तक पटवारी अपनी टीम का ऐलान कर सकते हैं। गौरतलब है कि पीसीसी चीफ जीतू पटवारी और प्रदेश प्रभारी भंवर जितेन्द्र सिंह की नियुक्ति के बाद पीसीसी में आधा दर्जन से अधिक बैठकें हो चुकी हैं। बैठकों में कमजोर संगठन को लेकर विधायक से लेकर चुनाव हारे प्रत्याशी शिकायत कर चुके हैं। इन बैठकों के बाद ही जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक की कार्यकारिणी को भंग कर दिया गया था। नई कार्यकारिणी का गठन चुनाव से पहले किया जाना था, लेकिन ऐसा हो नहीं सका। ऐसे में जिन्हें हटाया गया, वो काम करने के लिए तैयार नहीं और दूसरे जिम्मेदारी मिलने का इंतजार कर रहे हैं।
चुनाव को लेकर उत्साह नहीं
 सिर्फ जिला अध्यक्ष और जिला प्रभारियों के दम पर ही पार्टी चुनाव की तैयारियों में जुटी है। जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक कार्यकारिणी का गठन नहीं होने का नुकसान पार्टी को चुनाव के दौरान उठाना पड़ सकता है। नई टीम का गठन नहीं होने से कार्यकर्ताओं में भी चुनाव को लेकर उत्साह नजर नहीं आ रहा है। खास बात यह है कि लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। दरअसल, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने जीतू पटवारी को 16 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष बनाया था। पीसीसी चीफ बनने के हफ्ते भर बाद ही जीतू पटवारी ने जिला अध्यक्षों और जिला प्रभारियों को छोडक़र मप्र कांग्रेस की पूरी कार्यकारिणी भंग कर दी थी। उस समय कहा गया था कि जल्द युवाओं की नई टीम का ऐलान किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कई नेताओं को औपचारिक तौर पर काम करते रहने को कहा था। कार्यकारिणी भंग करने के साथ ही कांग्रेस नेताओं का दल बदल करने का सिलसिला शुरू हुआ था, जो आज भी लगातार जारी है।
बदले जा सकते हैं कई जिलाध्यक्ष
बता दें कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद कांग्रेस कमेटी की प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर दी गई थी। हालांकि नई कार्यकारिणी बनने तक पुरानी ही टीम काम करेगी। लेकिन माना जा रहा है कि जीतू पटवारी की टीम में कई जिलों के जिलाध्यक्ष बदले जा सकते हैं। नए जिलाध्यक्षों में युवाओं को मौका दिया जा सकता है, ताकि आने वाले लोकसभा चुनाव पर यूथ सबसे ज्यादा फोकस कर सके। इसके अलावा अब तक जिन नेताओं का प्रदर्शन सही नहीं माना गया है, उन पदाधिकारियों की भी छुट्टी की जाएगी। नयी और युवा टीम बनाने के मुद्दे पर जीतू पटवारी ने कहा कि अनुशासनहीनता अब बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जल्द ही नई टीम सामने होगी।
लोकसभा चुनाव में होगी नई टीम
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जीतू पटवारी की टीम लोकसभा चुनाव से पहले बन जाएगी। ऐसे में कांग्रेस पार्टी एक नई टीम के साथ लोकसभा चुनाव में जुटेगी। माना जा रहा है कि पटवारी कुछ नेताओं को कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर क्षेत्रीय संतुलन को साध सकते हैं, इसके अलावा पार्टी के पूर्व अध्यक्षों के करीबी नेताओं को भी टीम में जगह दी जाएगी। ताकि लोकसभा चुनाव में न केवल जातिगत बल्कि क्षेत्रीय संतुलन भी साधे जाए और वरिष्ट नेताओं के बीच भी समन्वयय बना रहे।  इसके अलावा जीतू पटवारी पीसीसी की नई मीडिया टीम को भी और मजबूत कर सकते हैं। माना जा रहा है कि पटवारी अपने हिसाब से ही संगठन महामंत्री और मीडिया विभाग के अध्यक्ष की नियुक्ति करेंगे। क्योंकि पटवारी खुद भी सोशल मीडिया पर सबसे ज्यादा एक्टिव रहते हैं। ऐसे में कांग्रेस का फोकस मीडिया टीम को लेकर सबसे ज्यादा दिख सकता है।