चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में नशे की समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए ड्रग की आपूर्ति और मांग की श्रृंखला को तोड़ने के लिए ड्रग तस्करों पर कड़ा शिकंजा कसाता जा रहा है। प्रदेश में चल रहे नशा मुक्ति केंद्रों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है और जिन केंद्रों में किसी भी प्रकार की अनियमितताएं पाई जा रही हैं या केंद्रों में नशे की दवाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है, इसतरह के केंद्रों के लाइसेंस रद्द किए जा रहे हैं। उन्होंने पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए कि ड्रग तस्करी में शामिल आरोपियों की संपत्ति को अटैच करने की विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को दे। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को ड्रग ओवरडोज से होने वाली मृत्यु के पोस्टमार्टम से संबंधित विशेष मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जल्द से जल्द तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही, नशा मुक्ति केंद्रों द्वारा नशा पीड़ितों के ईलाज के लिए दवाओं के उपयोग की मात्रा से संबंधित भी एक स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइन्स तैयार की जाएं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री लाल के मार्गदर्शन में जिलों में राहगीरी कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन राहगीरी कार्यक्रमों में भी हरियाणा स्टेट नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी शामिल हों और युवाओं को नशे की बुराई के बारे में बताएं। इस प्रकार के कार्यक्रम लोगों को जागरूक करने का अच्छा माध्यम बन रहे हैं। बैठक में बताया गया कि समय-समय पर अधिकारियों द्वारा किए गए नशा मुक्ति केंद्रों के निरीक्षण के परिणामस्वरूप सेवा विभाग द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 2 नशा मुक्ति केंद्रों का लाइसेंस रद्द किया गया और संचालकों पर नियमानुसार कार्रवाई की गई है। इसके अलावा, 3 अन्य मामलों में कार्रवाई की जा रही है।
बैठक में जानकारी दी गई कि पंचकूला में भी एक नशा मुक्ति केंद्र पर औचक निरीक्षण किया गया था, जहां पर अनियमितताएं पाई गई, जिसमें यह सामने आया कि नशा पीड़ितों के ईलाज के लिए सरकार की ओर से मिलने वाली दवाओं को लेने के लिए मरीजों के फर्जी आधार कार्ड दिखाए गए।