सोची । रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका सहित पश्चिमी देशों को दो टूक कहा है कि कोई भी देश भारत और रूस के बीच खटास पैदा करने की कोशिश न करे। पुतिन ने कहा कि भारत सरकार अपने नागरिकों के हितों के लिए स्वतंत्र रूप से काम कर रही है। इसके बाद मॉस्को और नई दिल्ली के बीच दरार पैदा करने की पश्चिमी देशों की कोशिश बेकार है। रूसी राष्ट्रपति ने काला सागर के एक रिसॉर्ट में अपने मुख्य भाषण में कहा, पश्चिमी देश हरेक को दुश्मन बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो उनके सुर में सुर नहीं मिलाते हैं। हर कोई खतरे में है, यहां तक ​​कि भारत भी, लेकिन भारतीय नेतृत्व अपने राष्ट्र के हित में स्वतंत्र रूप से काम कर रहा है। उन्होंने दो टूक कहा, भारत को रूस से दूर करने की कोशिशें व्यर्थ हैं, भारत एक स्वतंत्र देश है।
पुतिन की टिप्पणी उस समय में आई है, जब पश्चिमी देशों द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने रियायती दर पर रूस से क्रूड ऑयल खरीदी, जिसकी आलोचना हो रही है। पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद अमेरिका और यूरोपीय संघ ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर दिया था लेकिन भारत ने ऐसा नहीं किया और कम दाम पर रूस से कच्चा तेल खरीदा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर पुतिन ने कहा कि उनके नेतृत्व में भारत और मजबूत हो रहा है। पुतिन ने कहा, भारत की आबादी 1.5 अरब से अधिक है, आर्थिक विकास 7 फीसदी से अधिक है...यह एक शक्तिशाली देश है, ताकतवर देश है और यह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में और मजबूत हो रहा है। उन्होंने कहा कि रूस की तरह भारत की भी कोई सीमा नहीं है, क्योंकि भारतीय दुनिया के लगभग सभी हिस्सों में अपनी अमिट छाप छोड़ रहे हैं।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि भारत और दक्षिण अफ्रीका जैसे शक्तिशाली देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अधिक प्रतिनिधित्व के हकदार हैं। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में धीरे-धीरे सुधार होना चाहिए। फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ आक्रमण शुरू करने के बाद से पुतिन रूस से बाहर नहीं गए हैं। 
बता दें कि रूसी नेता के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर रखा है। अगर वह दक्षिण अफ्रीका जाते तब उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था क्योंकि आईसीसी सदस्य के रूप में दक्षिण अफ्रीका इंटरनेशनल कोर्ट के नियम मानने को बाध्य था।