कीव।  रूस यूक्रेन में मौजूद अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में अब चुनाव करा रहा है। इसके जरिए वो इन क्षेत्रों में अपनी अथॉरिटी को और मजबूत करना चाहता है। ये चुनाव यूक्रेन के 4 क्षेत्रों में हो रहे हैं। इनमें डोनेट्स्क, लुहांस्क, जपोरीजिया और खेरसॉन शामिल हैं। हालांकि, इन चारों में से किसी भी शहर पर रूस का पूरा कब्जा नहीं है। रॉयटर्स के मुताबिक, रूस इन्हें अपनी नई टेरेटरी बताता है।
दूसरी तरफ कुछ दिन पहले जेलेंस्की ने कहा था कि यूक्रेन में जंग के बीच भी राष्ट्रपति चुनाव करवाए जा सकते हैं अगर पश्चिमी देश इसके लिए पैसे दें और लोग वोट डालने के लिए तैयार हों। दरअसल, यूक्रेन में अगले साल चुनाव होने हैं, लेकिन यूक्रेन में फिलहाल मार्शियल लॉ लगा हुआ है। जेलेंस्की ने कहा- जो लोग रूस के खिलाफ लड़ रहे हैं, उनका इस चुनाव में शामिल होना बेहद जरूरी है। वो ही हमारे देश की रक्षा कर रहे हैं। इसी वजह से देश में अब तक चुनाव टाले गए हैं।
यूक्रेन के 20 प्रतिशत इलाके पर रूस का कब्जा
क्रीमिया के साथ इन शहरों में रूसी कब्जे वाले इलाकों को मिलाकर यूक्रेन के करीब 20 प्रतिशत हिस्से पर रूस का कब्जा है। यूक्रेन के अधिकारियों ने इन चुनावों का विरोध करके इसे अवैध बताया है। उन्होंने कहा- ये इस बात का सीधा सबूत है कि रूस के साथ शांति के लिए बातचीत करना नामुमकिन क्यों है। जब तक रूस अपनी सेना को हमारे क्षेत्रों से नहीं हटाती है, तब तक कोई भी बातचीत नहीं हो सकती। इन चारों क्षेत्रों में मॉस्को की तरफ से अपॉइंट किए गए गवर्नर्स पर चुनाव की जिम्मेदारी है। इलेक्शन 10 सितंबर को पूरे होंगे। ये सभी गवर्नर पुतिन के समर्थन से चुने गए हैं, जो हाल ही में क्रेमलिन के यूनाइटेड रशिया गुट में जुड़े हैं। इनके खिलाफ ज्यादा विरोध भी दर्ज नहीं हुआ है।