विक्रमादित्य वैदिक घड़ी की खासियत
उज्जैन । महाकाल की नगरी उज्जैन में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी शुरू हो गई है। इस घड़ी के माध्यम से सूर्योदय का समय, मुहूर्त,काल, विक्रम संवत कैलेंडर, राहुकाल, पंचांग, समय की गणना वैश्विक स्तर पर क़ी जा सकती है। इस घड़ी के माध्यम से 30 मुहूर्त देखे जा सकते हैं।
हर घंटे में इस घड़ी की गणना बदल जाएगी। हिंदू कॉल गणना के अनुसार यह दुनिया की पहली वैदिक घड़ी है। इसका मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है। जिसके कारण यह दुनिया भर में देखी जा सकती है। विक्रम पंचांग के अनुसार सूर्यास्त,सूर्योदय,ग्रह,भद्रा,चंद्र की स्थिति, चौघड़िया, सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, नक्षत्र, अभिजीत, ब्रह्म मुहूर्त, अमृत काल, मौसम इत्यादि का पता इस घड़ी के माध्यम से वैश्विक स्तर पर चलेगा। ज्योतिष की दृष्टि से यह घड़ी बड़ी महत्वपूर्ण है।
वैदिक घड़ी के माध्यम से लोगों को भारतीय वैदिक परंपरा मे समय की गणना से परिचय कराना इसका मुख्य उद्देश्य है। इस घड़ी को लखनऊ की संस्था आरोहण के आरोह श्रीवास्तव द्वारा डिजिटल तरीके से तैयार की गई है। वैदिक रीति के अनुसार 48 मिनट का 1 घंटा होता है। इस घड़ी को 30 मुहूर्त में बांटा गया है। वैदिक परंपरा एवं विशेषताओं के कारण यह देश और दुनिया की पहली डिजिटल वैदिक घड़ी है।