नई दिल्ली । भारत की सबसे बड़ी आईटी सर्विसेस कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने अपने 4 अधिकारियों को रिश्वत लेने के मामले में कंपनी से निकाल दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ये अधिकारी नौकरी देने के बदले स्टाफिंग फर्मों से कमीशन लेते थे।
कंपनी में ऐसा पिछले कई साल से चल रहा था। इस मामले का खुलासा होने के बाद टीसीएस ने तुरंत एक्शन लिया और अपने रिसोर्स मैनेजमेंट ग्रुप से चार अधिकारियों को निकालने के साथ रिक्रूटमेंट हेड को भी निकाल दिया। कंपनी ने तीन स्टाफिंग फर्मों पर भी बैन लगाया है। इन स्टाफिंग फम्र्स और निकाले गए ऑफिसर्स का नाम अभी सामने नहीं आया है।
इस पूरे मामले का पता तब चला जब एक व्हिसलब्लोअर ने कंपनी के सीईओ और सीओओ को एक लेटर लिखकर दावा किया कि आरएमजी के ग्लोबल हेड ईएस चक्रवर्ती नौकरी देने के बदले स्टाफिंग फर्मों से रिश्वत लेते हैं। उसके बाद टीसीएस ने आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई। इसमें चीफ इंफॉर्मेशन सिक्योरिटी ऑफिसर अजीत मेनन भी शामिल थे।
इस मामले से जुड़े एक एग्जीक्यूटिव ने कहा कि पिछले 3 साल में कंपनी ने कॉन्ट्रैक्टर्स सहित 3 लाख लोगों को काम पर रखा है। यह भी अनुमान लगाया है कि घोटाले में शामिल लोगों ने कमीशन के जरिए कम से कम 100 करोड़ रुपए कमाए हैं।