भोपाल। मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल की हाई स्कूल और हायर सेकंड्री परीक्षाओं में कॉपी जांचने वाले शिक्षकों को मॉडल आंसर की दी जाएगी। जांचकर्ता इससे मिलान कर परीक्षार्थी की कॉपी के आंसर को सही गलत कर सकेंगे। खास बात यह है कि यदि परीक्षार्थी का उत्तर देते हुए कॉन्सेप्ट क्लियर होगा तो उसके भी नंबर दिए जा सकेंगे। 
जानकारी अनुसार मॉडल आंसर की में दिए जाने वाले अंकों के साथ ही प्रत्येक उत्तर के स्टेप या बिंदु दृष्टव्य होंगे। बताया गया है कि अधिकांश विषयों के प्रश्नपत्र में 40 फीसद अंक वस्तुनिष्ठ प्रश्नों के लिए रखे गए हैं। इसके साथ ही कॉपी जांचने वाले संबंधित विषय के शिक्षक के अतिरिक्त मुख्य परीक्षक एवं उप मुख्य परीक्षक भी वहां मौजूद रहेंगे। इन्हें ऐसे परीक्षार्थी की कॉपी देखने को दी जाएगी जिनके 90 फीसदी से अधिक अंक होंगे। इस प्रकार मेरिटोरियस स्टूडेंट्स की आंसर बुक की जांच फिर से की जा सकेगी। 
इस संबंध में बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि सीबीएसई पैटर्न में भी इसी प्रकार से उत्तर पुस्तिका जांचने का कार्य होता हे। दरअसल उत्तर जांचते हुए परीक्षाथीर् का संबंधित विषय में कान्सेप्ट को भी देखा जाता है और उस आधार पर उसे अंक प्रदान किए जाते हैं। 
कॉपी जांचने की राशि बढ़ाई पर साथ में जुर्माना भी लगेगा 
मौजूदा बोर्ड परीक्षा की कॉपी जांचने वाले शिक्षकों को प्रति कॉपी चैक करने के लिए बढ़ी हुई दर से भुगतान किया जाएगा। गत वर्ष तक हाई स्कूल की कॉपी जांचने पर प्रति कॉपी 12 रुपए और हायर सेकंडरी कॉपी जांचने वाले को प्रति कॉपी 13 रुपए दिए जाते थे। मौजूदा वर्ष में यह राशि बढ़ाकर क्रमश: 15 रुपये प्रति कॉपी और 16 रुपए प्रति कॉपी की गई है। इसके साथ ही यदि कॉपी चैक करने में कोई गलती पकड़ी जाती है तो शिक्षक को 100 रुपए प्रति गलती के हिसाब से जुर्माना भी भरना होगा। ऐसे में संबंधित शिक्षक को ब्लैक लिस्टेड नहीं किया जाएगा| यदि कोई शिक्षक पेपर लीक जैसे मामले में दोषी पाया जाता है तो वह जरुर ब्लैक लिस्टेड किया जा सकेगा। वहीं एक दिन में एक शिक्षक अधिकतम 45 कॉपी ही चैक कर सकेंगे। पहले शिक्षक को 30 कॉपी ही जांचने के लिए दी जाएंगी, इसके बाद यदि और कॉपियों की शिक्षक मांग करता है तो उन्हें अधिकतम 15 कॉपी और दी जा सकेंगी। अधिकारियों के मुताबिक इस बार उत्तर पुस्तिका जांचने में प्रदेश भर में करीब 40 हजार शिक्षक तैनात किए जा रहे हैं। बोर्ड परीक्षा की कॉपी जांचने का कार्य फरवरी अंत से शुरू हो सकेगा। गौरतलब है कि इस बार बोर्ड की दोनों परीक्षाओं में करीब 17.41 लाख परीक्षार्थी शामिल हो रहे हैं। 
अप्रैल तक मिल सकता है रिजल्ट 
बोर्ड अधिकारियों का कहना है कि प्रत्येक विषय की कॉपी जांचने में तकरीबन 55 दिन का समय लग सकता है। इसके उपरांत करीब दो सप्ताह में रिजल्ट तैयार किया जा सकेगा। इस स्थिति में अप्रैल के अंत या मई के प्रथम सप्ताह में रिजल्ट मिल सकेंगे। वैसे परीक्षा परिणाम की तिथि लोकसभा चुनाव की तिथि पर भी काफी हद तक निर्भर करती है।